- तीर्थ पुरोहितो व पुजारियों का धरना—प्रदर्शन
- 2013 के आपदा प्रभावितों को मुआवजे का मुद्दा
- सरकार ने नहीं सुनी तो करेंगे आमरण अनशन
रुद्रप्रयाग। 2013 में केदारनाथ आपदा में अपना सब कुछ गंवा बैठे केदारपुरी के तीर्थ पुरोहित और पुजारी तथा व्यापारी 10 साल बाद अब एक बार फिर आपदा राहत पाने के लिए आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। केदारपुरी के तीर्थ पुरोहितों पुजारियों और व्यापारियों ने आज यहां धरना प्रदर्शन किया और 24 घंटे के लिए बाजार बंद रखकर इस ओर शासन—प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की है।
इन लोगों का कहना है कि भले ही 2013 की आपदा के बाद केदार घाटी में कितने भी काम क्यों न हुए हो लेकिन जिन स्थानीय पुजारियों व पुरोहितों के घर—बार और व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को नुकसान हुआ था उन आपदा प्रवाहितों को अभी तक कोई राहत नहीं मुहिया कराई गई है। जिन तीर्थ पुरोहितो व पुजारियों के घर आपदा में तबाह हो गए थे उन्हें अभी तक आवास मोहिया नहीं कराये गए हैं न होटल धर्मशाला और दुकानें दी गई है।
उन्होंने शासन—प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो अभी सिर्फ 24 घंटे बाजार बंद किया गया है आगे वह क्रमिक अनशन और आमरण अनशन के साथ—साथ पूर्ण बाजार बंद करने पर विवश होंगे। उनका कहना है कि सरकार द्वारा आपदा के 9 साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है जिसके कारण अब उन्हें एक बार फिर आंदोलन पर मजबूर होना पड़ा है।