मुश्किल में बेघर हुए लोग न खाने की व्यवस्था न सोने की

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सरकार एक मुश्त सेटलमेंट करें कहीं भी चले जाएंगे

देहरादून। भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब इस बात का दावा कर रहे हो कि जोशीमठ की भू—धसाव की समस्या के समाधान के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी तथा प्रभावितों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। जिन लोगों के आवास क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा है उनके लिए रहने और खाने की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
अब तक लगभग 60 परिवारों को नगरपालिका और ज्योर्तिमठ तथा गुरुद्वारों व अन्य स्थानों पर रखा गया है। इन लोगों का कहना है कि उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा यहां लाकर एक कमरे में कैद कर दिया गया है। यहां न पीने के लिए पानी है और न शौचालय आदि की कोई व्यवस्था है यहां तक कि वह खाने का सामान भी खुद ही बाजार से खरीद कर ला रहे हैं। उनका कहना है कि एक ही कमरे में परिवार के तमाम लोग रह रहे हैं वही सोना, वही खाना बनाना और खाना। उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इन लोगों का कहना है कि अब इस शहर में वह नहीं रह पाएंगे क्योंकि उनके अपने घर रहने के लायक रह नहीं गए हैं और प्रशासन द्वारा उनके रहने की जो व्यवस्था की गई है वह समुचित नहीं है इन लोगों की मांग है कि सरकार हमारा वन टाइम सेटेलमेंट करें वह कहीं भी चले जाएंगे। उनका कहना है कि महिलाओं और बच्चों के साथ इस तरह भीषण सर्दी में उनका परिवार कितने समय सुरक्षित रह सकेगा? तथा खाने के लिए कहां से आएगा इसे लेकर वह परेशान हैं। उधर कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि इस आपदा के कारण जिन लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ रहे हैं उन सभी के रहने खाने की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है यह उनके जीवन की रक्षा का सवाल है

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