ग्रेड पे 46 सौ लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे 2001 बैच के भर्ती पुलिसकर्मी और उनके परिजनों पर उत्तराखंड पुलिस के मुखिया द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई के बाद अब यह मुद्दा आर या पार की लड़ाई तक जा पहुंचा है। डीजीपी अशोक कुमार द्वारा चार उन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया जिनकी पत्नियों ने इस मुद्दे पर पत्रकार वार्ता कर अपना आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी थी। डीजीपी पुलिसकर्मियों के परिजनों की इस कार्रवाई को कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन मानते हैं। भले ही डीजीपी की सोच ठीक हो लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ सरकारी सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए ही सब नियमावली बनी है। शासन और प्रशासन के लिए कोई नियमावली नहीं होती। पुलिस कांस्टेबलों का 46 सौ ग्रेड पे का विवाद 8 साल पुराना है उन्हें पहले भर्ती के समय 2000 ग्रेड पर दिया जाता है। 8 साल की सर्विस पूरा होने पर 24 और 12 साल की सर्विस पूरी होने पर 46 सौ तथा 22 साल की सर्विस पूरी होने पर 48 सौ ग्रेड पे दिया जाने का प्रावधान है। जिन पुलिसकर्मियों को 2013 में 46 सौ ग्रेड पे मिलना था उनकी समय सीमा को सरकार द्वारा 2013 से बढ़ाकर 2016 कर दिया और जब 2016 आया तो इसकी समय सीमा को बढ़ाकर 2020 कर दिया गया। क्या यह पुलिस नियमावली के साथ धोखाधड़ी नहीं है या पुलिसकर्मियों के हक पर डाका मारी नहीं है। 2001 बैच के पुलिस कर्मियों को यह वेतन प्रोन्नति सरकार द्वारा इसलिए टाली जाती रही क्योंकि सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। सरकार द्वारा इन पुलिसकर्मियों को 2 लाख एकमुश्त देने का फैसला किया गया जिसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई लेकिन इन पुलिसकर्मियों को वह 2 लाख भी आज तक नहीं दिया गया अब अप्रैल 2002 बैच के कर्मचारी भी इस की पात्रता के दायरे में आ गए हैं। सवाल यह है गलत कहा हो रहा है वह पुलिस कर्मचारी जो इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वह गलत है या उनके वह परिवार जो इसे लेकर आंदोलन कर रहे हैं। समय पर ग्रेड पर लागू न करने के कारण इन पुलिसकर्मियों को 10 से 12 लाख तक नुकसान हुआ है लेकिन सरकार उन्हें 2 लाख भी देने को तैयार नहीं है। उसके ऊपर अब अगर इन पुलिसकर्मियों के परिवार अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन कर रहे हैं तो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दंडित किया जा रहा है। घर तो महिलाएं ही चलाती हैं और अगर घर चलाने में दिक्कत होती है तो वह अपने पतियों को ही कहती हैं। डीजीपी द्वारा चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने से न सिर्फ उन तमाम पुलिस कर्मियों में आक्रोश है जिनका ग्रेड पे ड्यूट है अपितु उनके परिजन भी खासे आक्रोशित हैं अब कई महिलाएं तो इस मुद्दे पर आर—पार की लड़ाई का ऐलान कर रही हैं। सीएम धामी जो हर समस्या के सरलीकरण व समाधान की बात करते हैं उन्हें भी इस ओर गौर करने की जरूरत है।