लोकसभा की 102 सीटों के लिए आज मतदान किया जा रहा है। पहले चरण के चुनाव में उत्तराखंड की सभी पांच सीटों सहित जिन 102 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है उनमें से 45 सीटें पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने जीती थी जबकि 41 सीटें कांग्रेस और उसके सहयोगियों के हिस्से में आई थी। 2024 के इस चुनाव में एनडीए और (यूपीए) इंडिया गठबंधन के बीच बढत बनाने की इस जंग में किसका पलड़ा भारी रहता है यह तो 4 जून को मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन मुकाबले सिर्फ कड़ा ही नहीं बल्कि परिस्थितियंा भी 2014 के मुकाबले बहुत बदली है। विपक्षी दलों की एकजुटता के बीच ईवीएम पर उठने वाले सवालों का मुद्दा जहां सुप्रीम कोर्ट में है वही चुनाव आयोग की निष्पक्षता और आयुक्तों की नियुक्तियों का मामला भी विवादों में है। यही नहीं इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक ठहरा कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया जाना और चुनावी चंदे के धंधे का देश के सबसे बड़े स्कैम्प के रूप में शामिल होने से चुनावी माहौल में बड़ा बदलाव आया है। उत्तराखंड की बात करें तो भाजपा ने 2014 व 19 में सभी पांचो सीटों पर जीत का रिकॉर्ड बना रखा है। कांग्रेस यहां वर्तमान चुनाव में जिस हताशा निराशा और टूटे मनोबल के साथ चुनाव में उतरी है ऐसे में अगर वह एक दो सीटें भी जीत पाती है तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगी। जबकि उसके पास भी इस बार वह प्रभावी चुनावी मुद्दे थे जो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के पास हैं जिनके दम पर वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश व बिहार में चुनावी स्थिति में बड़े बदलाव का मंसूबा जाहिर कर रही है। इस पहले चरण में तमिलनाडु की वह 39 सीटेंं भी शामिल है जिन पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने भाजपा को एक भी सीट पर नहीं जीतने दिया था अगर तमिलनाडु में कांग्रेस व उसके सहयोगी पुराने प्रदर्शन को दोहरा भी पाते हैं तो इंडिया गठबंधन का इस पहले दौर में एनडीए पर बढ़त हासिल करना तय माना जा रहा है। क्योंकि महाराष्ट्र जहां की पांच तथा असम जहां की पांच व पश्चिम बंगाल जहां की तीन तथा बिहार जहां की चार सीटों के लिए इस पहले चरण में चुनाव हो रहा है एनडीए कोई बड़ा फेर बदल कर पाने की स्थिति में नहीं है। तमिलनाडु के बाद सिर्फ उत्तर प्रदेश की ही वह 8 सीटें हैं जिन पर भाजपा अपना दम दिखा सकती है। इस पहले चरण में 21 राज्यों की कुल 102 सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है उसमें मध्य प्रदेश की 6 व राजस्थान की 12 सीटों पर इंडिया गठबंधन कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। पहले दौर के इस चुनाव में हिंदी पटृी के लगभग 40 सीटों के चुनाव परिणाम यह तय करने जा रहे हैं कि इंडिया और एनडीए में से कौन सा गठबंधन बढ़त बनाने वाला है। भले ही मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के हालात में कोई बड़ा फेर बदल देखने को मिले न मिले लेकिन यूपी, राजस्थान और बिहार के राजनीतिक मिजाज बड़े बदलाव का संकेत जरूर दे रहे हैं। इस चरण में सबसे ज्यादा सीटों के लिए आज होने वाले मतदान के बाद यह पता चल सकेगा कि कौन सा गठबंधन बढ़त की लंबी लकीर खींच पाता है दोनों पक्षों के सामने एक दूसरे के खिलाफ इस चरण में बढ़त बढ़ाने की जंग है जो भी इस चरण में बढ़त बनाने में कामयाब हो सकेगा दिल्ली के केंद्रीय सत्ता तक पहुंचने का रास्ता भी उसी के लिए आसान रहने वाला है।