मोदी के मुकाबले में कोई नहीं

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2024 का लोकसभा चुनाव एक ऐसा चुनाव है जिसे समझ पाना आम आदमी के लिए संभव ही नहीं है। क्योंकि इस चुनाव में कोई राजनीतिक दल चुनाव नहीं लड़ रहा है सिर्फ सरकार ही चुनाव लड़ रही है। बीते कल कांग्रेस नेता अजय माकन ने दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता की। मुद्दा था आईटी विभाग द्वारा कांग्रेस को दिया गया वह नोटिस जिसमें कांग्रेस पर 1,823 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। माकन का यह सवाल था कि जिस तरह की गलतियों पर कांग्रेस पर 1, 823 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है अगर भाजपा पर भी वैसी गलतियों के लिए जुर्माना लगाया जाए तो वह 4600 करोड़ होगा। आयकर विभाग की इस कार्यवाही को माकन टैक्स टेररिज्म की संज्ञा दे रहे हैं। अभी बीते 15 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी ने भी एक ऐसी ही पत्रकार वार्ता की जब कांग्रेस के खातों को सीज करते हुए 135 करोड रुपए जप्त कर लिए गए थे। ईडी की इस कार्यवाही पर कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की थी। कांग्रेस नेताओं का खुद यह कहना है कि जब उसके पास चुनाव प्रचार और नेताओं के इधर—उधर जाने आने तक के लिए पैसे नहीं होंगे तो वह चुनाव कैसे लड़ सकेंगी बात साफ है कि चुनाव बिना पैसे के नहीं लड़ा जा सकता है और बिना लड़े कोई चुनाव जीत नहीं सकता है। राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष तो अभी एक पत्रकार वार्ता में मीडिया से यह अपील करते दिखे कि वह कांग्रेस के विज्ञापन फिलहाल उधार ही छाप दे वह वायदा करते हैं बाद में वह उनका भुगतान कर देंगे। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि आईटी और ईडी द्वारा जिस तरह की कारवाइयंा कांग्रेस के खिलाफ पक्षपात पूर्ण तरीके से की जा रही है उन्हें लेकर वह अदालतों का दरवाजा खटखटाएंगे लेकिन उन्हें इतनी जल्द इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं है कि वह चुनाव में इसका उपयोग कर सके। राहुल गांधी का कहना है कि देश की जनता ने अगर उन्हें सत्ता में आने का मौका दिया तो सबका हिसाब किया जाएगा लेकिन सवाल यह है कि सत्ता में आएंगे कैसे? चुनाव से पहले ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की कमर उस हद तक तोड़ी जा चुकी है कि वह अब कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए हैं। ऐसी स्थिति में 2024 का यह चुनाव इसलिए भी चुनाव नहीं रह गया है क्योंकि सरकार और सत्ता के मुकाबले दूसरा कोई दल या नेता चुनाव मैदान में है ही नहीं। बोलिंग भी भाजपा को करनी है और बैटिंग भी भाजपा को ही करनी है तब जीतना भी भाजपा का ही तय है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था तब राजनीतिक समीक्षको और पंडितों को भले ही यह बात हास्यास्पद लगी हो कि भला यह कैसे संभव है लेकिन अब धीरे—धीरे उन्हें भी समझ आने लगा है कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालांकि अपने बारे में बहुत कम ही बोलते हैं लेकिन एक बार किसी सवाल के जवाब में उन्होंने अपने बारे में कहा था कि जो लोग ऐसा सोचते है ंइसका मतलब है कि वह मोदी को जानते ही नहीं है। समूचा विपक्ष उनकी नीतियों के सामने दंत विहीन शेर बनकर रह जाएगा। क्या कभी किसी ने सोचा था? यह मोदी की नीतियों का ही कमाल है कि 2024 के इस चुनाव में उनके मुकाबले दूर—दूर तक भी कोई मैदान में दिखाई नहीं दे रहा है।

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