राम धुन की अनुगूंज

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इन दिनों पूरे देश में राम धुन अनुगूंज सुनाई दे रही है। अयोध्या में एक बार फिर श्री राम पधारने जा रहे हैं। त्रेता युग में भगवान राम अपना वनवास पूरा कर जब अयोध्या वापस लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके 14 साल बाद आगमन पर उनका भव्य स्वागत किया था देशवासी आज भी दीप पर्व (दीपावली) के रूप में इस दिन को मानते हैं। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से मुस्लिम आक्रांताओं ने उनके स्मृति चिन्हो और आस्था स्थलों को मिटाकर सनातन के खिलाफ किए गए षडयंत्रों से अब समय आगे बढ़ चुका है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और काशी का कायाकल्प इसका प्रमाण दे रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अदालत की फैसले और हिंदू मुस्लिम दोनों पक्षों की सहमति से ही हो सका है। लेकिन अब जब राम मंदिर का निर्माण हो चुका है और इस मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है, एक बार फिर इस मुद्दे पर राजनीतिक रंग भी चढ़ता दिख रहा है। भाजपा जिसने इस मुद्दे पर दशको लंबी राजनीतिक और सामाजिक लड़ाई लड़ी वह राम मंदिर निर्माण को चुनाव में भुनाने में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहती है वहीं विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा भी इस पर सवाल उठाया जाना स्वाभाविक ही है। मुद्दा धर्म और आस्था से तो जुड़ा हुआ है ही साथ ही इस मुद्दे के राजनीतिक नितार्थ क्या रहे है और क्या है यह किसी से भी दबा छुपा नहीं है। कांग्रेस नेताओं द्वारा भाजपा पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसके द्वारा राम मंदिर का निर्माण कार्य आधा अधूरा होने के बीच ही प्राण प्रतिष्ठा कराया जाना उचित नहीं है वह 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका लाभ लेने के लिए ऐसा कर रही है। वहीं भाजपा के नेता भी यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार की जगह है सपा या अन्य किसी की सरकार रही होती तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संभव ही नहीं था। सपा सुप्रीमो स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में अयोध्या में क्या हुआ था या स्वर्गीय मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में क्या हुआ था? इन गढ़े मुर्दों को शायद आज नहीं उखाड़ा जा रहा होता यदि अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा सिर्फ आस्था और धर्म का मुद्दा ही होता इन सब बातों को वर्तमान समय मेें इसलिए उखाड़ा जा रहा है क्योंकि इस राम मंदिर निर्माण की पृष्ठभूमि से राजनीति के गहरे सरोकार रहे हैं। इन दिनों अखबारों में किसी पेज के कोने में ऐसी खबरें भी छप रही है कि राम मंदिर के द्वितीय तल का निर्माण कार्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद जारी रहेगा तथा अभी सिर्फ भूतल और प्रथम तल का निर्माण कार्य ही पूरा किया जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ भूतल को ही खोला जाएगा। इसका सीधा अर्थ है कि अभी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है और इसमें लंबा समय लगेगा। भाजपा ने सालों पहले इसके निर्माण से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक सभी कार्यक्रम पहले से ही तय कर लिए थे। देश के कोने—कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। सरकारी बसों में राम भजन और राम धुन सुनाई दे रही है। पूजित अक्षत कलश तमाम राज्यों में भेजे जा चुके हैं। मंदिरों में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ भी शुरू हो चुके हैं। घर—घर दिए भी भेजे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से मकर संक्रांति से 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा तक भजन कीर्तन और अखंड ज्योति जलाने की अपील कर चुके हैं। हवाई सेवा से लेकर अयोध्या जाने के लिए विशेष ट्रेन और बसें भी चलाई जा रही है। इन दिनों पूरे देश में सिर्फ एक धुन सुनाई दे रही है और वह धुन श्री राम धुन है। राम मंदिर के निर्माण से देश में रामराज की स्थापना हो सके और सभी देशवासी जो इस रामधुन को सुन रहे हैं गा रहे हैं या जिन्हें यह रामधुन भा रही है प्रभु श्री राम सभी देशवासियों का बेड़ा उस भवसागर से पार करें जिसमें उनके जीवन नैया हिचकोले खा रही है।

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