कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अपना एक चरण पूरा कर चुकी है। कुछ दिनों के विश्राम के बाद 3 जनवरी से इस यात्रा का दूसरा और अंतिम चरण शुरू होगा। अपनी इस पहली चरण की यात्रा में राहुल गांधी 108 दिन में लगभग 3000 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं अभी दूसरे चरण में वह यूपी, पंजाब और जम्मू कश्मीर तक लगभग 600 किलोमीटर की यात्रा और करेंगे। जाहिर है कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक तमाम धर्मों, संप्रदायों, जातियों और विभिन्न भाषा—भाषियों से मेल मुलाकात और बात की है और करेंगे। उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान एक—दो नहीं अनेक ऐसी बातें कहीं हैं जो हर भारतवासी के मन की बात है। यह अलग बात है कि पीएम मोदी की तरह उनके मन की बातों का किसी रेडियो या टीवी चैनल पर प्रसारण नहीं हुआ और न उनकी बातें बहुत लोगों तक पहुंच सकी हैं। राहुल गांधी का अपनी इस यात्रा के बारे में साफ कहना है कि यह यात्रा सत्ता पाने या चुनाव जीतने के लिए नहीं है और न यह कोई राजनीतिक यात्रा है। उनकी यात्रा भारतीय जनमानस को जोड़ने शांति और सद्भाव को बढ़ाने के लिए है। जब उनकी यह यात्रा नई दिल्ली पहुंची तो उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों से जो प्यार मिला है वह प्यार वह बांट रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उनकी कई तस्वीरें ऐसी देखी गई जब वह आम और अति साधारण लोगों से बाहें फैलाकर मिलते दिख रहे हैं उनके कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए उनसे बातें कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी इस यात्रा में जो देखा गया वह यात्रा मार्ग में आए कई धार्मिक स्थलोंं पर उन्हे पूरे श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा अर्चना करते देखा गया। पूजा स्थल किस धर्म और समुदाय का है उनके लिए यह बात कोई मायने रखती है उन्हें देखकर ऐसा कुछ नहीं लगा। और मंदिर में भी अष्टांग लेट कर नमन करते देखे गए तो औलिया निजामुद्दीन की दरगाह पर माथा टेकने गए। बाकी किसी घटना को लोगों ने भले ही गौरव किया हो लेकिन दिल्ली पहुंचने पर उनका स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की समाधि स्थल—सदैव अटल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना तो खासा चर्चा का विषय बना रहा। लोग अभी भी इस घटना के नितार्थ ढूंढने में लगे हुए हैं। राजनीति से जुड़े लोग तो उनके इस काम के हजारों मतलब निकाल रहे हैं। ख्ौर लोगों का काम तो कहना है ही। वैसे भी हम उन तमाम बातों का उल्लेख नहीं करना चाहते जो उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनकी इस भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कही जाती रही है। लेकिन वह भी राहुल गांधी की इस साहसिक यात्रा को लेकर हतप्रभ जरूर है जो हवाई राजनीति करते हैं या महज बयान बाजी की राजनीति करते हैं। इस यात्रा ने राहुल गांधी का कद ज्यादा नहीं तो 36 इंच जरूर बढ़ा दिया है। इसमें कोई शक नहीं है।