राजधानी दून में बीते रोज आबकारी टीम ने छापेमारी कर एक और अवैध तथा नकली शराब का गोदाम पकड़ा। इस गोदाम से देसी—विदेशी ब्रांड की शराब की 150 पेटियां बरामद की गई हैं। अभी कुछ ही माह पहले माजरी क्षेत्र में ऐसा ही गोदाम पकड़ा गया था जिससे 150 शराब की पेटियां पकड़ी गई थी इससे पूर्व नेहरू कॉलोनी में भी एक अवैध शराब का गोदाम पकड़ा गया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जहां राजधानी दून से लेकर अभी हरिद्वार के रुड़की सहित कई हिस्सों में अवैध और नकली शराब के सेवन से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। हरिद्वार में हुए पंचायत चुनाव में इस नकली जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद काफी दिन तक हंगामा देखा गया था। सवाल यह है कि जब राज्य की पुलिस और प्रशासन राजधानी दून में इस नकली और अवैध शराब को नहीं रोक पा रहा है तो राज्य के बाकी जनपदों और क्षेत्रों की क्या हालत होगी? राजधानी दून में पकड़े गए अवैध शराब के गोदाम में सिर्फ पंजाब और हरियाणा से सस्ती दरों पर लाई जाने वाली शराब ही नहीं पकड़ी गई है बल्कि ब्रांडेड और विदेशी शराब की बोतलों में नकली शराब भरकर बेचे जाने तथा फर्जी मोनोग्राम चस्पा करने के भी सबूत मिले हैं। सवाल यह भी है कि पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र कहां सोया रहता है। सीमा पर चेकिंग का दावा करने वाले अधिकारी क्या यह बता सकते हैं कि जब बॉर्डर की चौकियों पर उनके द्वारा सघन चेकिंग की जाती है तो फिर इतनी भारी मात्रा में शराब बाहरी राज्यों से कैसे आ रही है। क्या यह धंधा पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 2025 तक राज्य को ड्रग्स मुक्त कराने की बात कही जा रही है और पुलिस के उच्च अधिकारियों को हिदायत दी गई थी कि वह नशा रोकने के लिए एक अभियान चलाएं। सवाल यह है कि क्या सिर्फ कहने भर से प्रदेश ड्रग्स मुक्त हो जाएगा। आए दिन राज्य में चरस गांजा और नशीली दवाओं का जखीरा पकड़ा जाता है। राजधानी से लेकर पूरे राज्य में नशा तस्करों ने अपना मजबूत नेटवर्क बना रखा है। युवा पीढ़ी को नशा तबाह कर रहा है। लोग जहरीली नकली शराब पी पी कर मर रहे हैं। नशा तस्करों को रोकने में नाकाम पुलिस विभाग भी सवालों के घेरे में हैं वहीं अवैध शराब की तस्करी से राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है। शासन और प्रशासन में बैठे लोगों को इस अति गंभीर मुद्दे पर चिंतन मंथन की नहीं समस्या के समाधान के लिए काम करने की जरूरत है।