डीजीपी व एसएसपी ने कर दिया कमाल : यातायात व्यवस्था देख दूनवासी हैरान

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  • 2 दिन दून दिखा 20 साल पहले वाला दून
  • खुली—खुली सड़के व फर्राटा दौड़ते वाहन

देहरादून। राजधानी दून की जिस ट्रैफिक व्यवस्था को 20 साल में कोई नहीं सुधार सका उसे सूबे के नए पुलिस महानिदेशक और एसएसपी दून ने चुटकी बजाते ही सुधार दिया। लोग यह देखकर हैरान थे कि पुलिस को आखिर ऐसा कौन सा मंत्र मिल गया कि शहर भर की यातायात व्यवस्था एकदम चुस्त दुरुस्त हो गई।
राज्य सरकार द्वारा 8 व 9 दिसंबर को राजधानी दून में ग्लोबल समिट का आयोजन किया गया था। इस दौरान 9 दिसंबर को आईएमए की पासिंग आउट परेड का भी आयोजन था। इन दोनों ही मेघा इवेंट्स को एक ही समय से आयोजित किए जाने के कारण दून में वीवीआईपी व वीआईपी का व्यापक स्तर पर मूवमेंट रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर अन्य तमाम केंद्रीय मंत्री और देश दुनिया के तमाम नामी गिरामी उघोगपतियों का जमावड़ा तीन—चार दिन तक राजधानी दून में लगा रहा। पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीलंका के जनरल डिसल्वा भी 9 दिसंबर को दून में ही थे। लेकिन इन तीन—चार दिनों में दून की यातायात व्यवस्था जिस तरह से व्यवस्थित और सहज दिखी वैसी राज्य बनने के बाद कभी नहीं देखी गयी। न कहीं कोई जाम, न रुकावट न ही सड़कों पर गलत पार्किंग सब कुछ एकदम चुस्त—दुरुस्त।
आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी किसी वीआईपी का मूवमेंट होता है तो सामान्य ट्रैफिक को पहले ही रोक दिया जाता है लेकिन इस दौरान ऐसा भी कहीं नहीं देखा गया। जिसे भी जब भी जहां भी आना जाना था बिना रुकावट आना जाना होता रहा। देखने वाले लोगों को ऐसा एहसास हो रहा है जैसे वह आज के देहरादून में नहीं 25 साल पहले के देहरादून में आ गए हों। खुली खुली साफ सुथरी सड़के और फर्राटा दौड़ती गाड़ियां। यह चमत्कार पुलिस ने कैसे किया? यह अलग बात है लेकिन पुलिस महानिदेशक व वह अधिकारी इस काम के लिए धन्यवाद के पात्र जरूरी हैं जिन्होंने वह कर दिखाया जो अब तक 20 सालों में कोई नहीं कर सका था।
राजधानी बनने के बाद दून की सड़कों को कई—कई बार चौड़ा किया जा चुका है। चौक—चौराहों से मुख्य सड़कों तक तमाम व्यवस्था को सौ—सौ बार बदलकर देखा जा चुका है लेकिन इसके बाद भी दून की यातायात व्यवस्था को सुधारा जाना तो दूर वह और अधिक खराब ही होती चली गई। लेकिन क्या ऐसा संभव है आगे भी यह यातायात व्यवस्था वैसे ही चुस्त बनी रहे जैसी बीते तीन—चार दिनों में रही है। अगर पुलिस अधिकारी ऐसा कर पाए तो यह उनकी बड़ी सफलता होगी।

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