- धामी बोले अपना संकल्प पूरा करने की तरफ बढ़ाया कदम
- कल होगा कैबिनेट में पेश, 6 को सदन के पटल पर रखा जाएगा
देहरादून। यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट आज समिति द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया है। मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में समिति की अध्यक्ष डॉ. रंजना प्रकाश देसाई द्वारा मुख्यमंत्री को ड्राफ्ट सौंपा गया। इस अवसर पर समिति के सभी सदस्य और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित अन्य तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे।
समिति द्वारा यूसीसी का जो ड्राफ्ट आज मुख्यमंत्री को सौंपा गया उसके मसौदे के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। कल मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में इस बिल का प्रस्ताव लाया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही सरकार द्वारा इसका विधिक परीक्षण भी कराया जा सकता है। जैसे की उम्मीद है कि सरकार द्वारा 6 फरवरी को इसे विधानसभा पटल पर रखा जा सकता है। सरकार की कोशिश होगी कि 8 फरवरी तक चलने वाले इसी विधानसभा सत्र में इस बिल को पारित करा लिया जाएगा तथा लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व ही राज्य में यूसीसी लागू कर दिया जाएगा और उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन एक शुभ दिन है। एक राष्ट्र एक विधान की ओर आज हम एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में चुनाव के दौरान हमने जनता के सामने जो संकल्प लिया था उसे अब हम पूरा करने जा रहे हैं। 27 मई 2022 को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने को सर्वाेच्च न्यायालय की सेवा निवृत जस्टिस डा. रंजना देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई थी। जिसने सुझावों के लिए दो उप समितियां बनाई गई थी जिसने सवा दो लाख लोगों से सुझाव लिए। जन संवाद और ऑनलाइन सुझाव भी लिए गए थे।
ड्राफ्ट अब सरकार को सौंपा जा चुका है इस ड्राफ्ट के बारे में अभी किसी को कोई जानकारी नहीं है। शादी की उम्र से लेकर पैत्रिक संपत्तियों के अधिकार, गोद लेने और जनसंख्या नियंत्रण तथा लिव इन रिलेशनशिप जैसे तमाम मुद्दों पर एक समान कानून लाने की इस कवायद में क्या—क्या विशेष होगा इसे सदन में पेश किए जाने पर ही पता चल सकेगा।
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चुनाव में ध्रुवीकरण का हथकंडाः धस्माना
देहरादून। उधर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि सरकार ने आज तक यह नहीं बताया कि उसे देश के किस कानून से क्या दिक्कतें हैं और वह किन—किन कानूनों को बदलना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमें यूसीसी से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सरकार की यह कवायद वोटो के ध्रुवीकरण के लिए की जा रही है इसका किसी को कोई फायदा होने वाला नहीं है।
उधर शहर काजी का कहना है कि सरकार जो चाहे कर सकती है उसे अधिकार है, किंतु कुरान और शरीयत के खिलाफ अगर कुछ किया जाएगा तो मुस्लिम समाज इसका विरोध करेगा।