वनाग्नि पर लैन्सडाउन विधायक चिन्तित

0
414


निचले कर्मचारियों की समस्याओं को देंखेः रावत

देहरादून। लैन्सडाउन विधायक महंत दिलीप रावत ने वनाग्नि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि निचले कर्मचारियों समस्याओें को भी समझना जरूरी है।
आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विधायक महंत दिलीप रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड मेें फैली भीषण आग को नियंत्रित ना करने के सम्बन्ध में कुछ निचले कर्मचारियो को लापरवाही बरतने में निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि निचले कर्मचारियों का निलंबन करने से पहले यह ध्यान देना जरूरी है कि क्या अग्नि सुरक्षा हेतु निचले स्तर पर पूरे कर्मचारी नियुक्त हैं। क्या निचले स्तर पर अग्नि बुझाने हेतु पूरे संसाधन उपलब्ध हैं। धरातल पर उसको यह अनुभव हुआ है कि फायर सीजन में रखे जाने वाले फायर वाचरों की संख्या पर्याप्त नहीं है। यदि होती भी है तो वह कागजों तक ही सीमित रहती है। निचले स्तरों पर फायर वाचरों हेतु उनकी सुरक्षा हेतु उचित संसाधन नहीं रहते है और ना ही जंगलो में आग बुझाने के दौरान घटना स्थल पर उनके लिए भोजन आदि की उचित व्यवस्था रहती है। रावत ने कहा कि संज्ञान में लिया जाना चाहिए कि ब्रिटिश काल में वनों के बीच में अग्नि नियंत्रण हेतु फायर लाईन बनायी गयी थी जो कि आज समय में कहीं दिखायी नहीं देती है जबकि वनों में आग लगने की स्थिति में यह फायर लाईन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। उक्त फायर लाईन पर भी कार्य किया जाना चाहिए। विधायक ने कहा कि वर्तमान में कडे वन अधिनियमों के कारण स्थानीय जनता वनों से दूर होती जा रही है और उनके मन में यह भाव पैदा हो गया है कि यह वन उनके नहीं है और इन वनों के कारण उनको जन सुविधाआें से वंचित किया जा रहा है। जबकि ब्रिटिश काल में जंगलों की सुरक्षा जन सहभागिता के आधार पर की जाती थी। परन्तु उक्त व्यवस्थाओं से जनता का वनों के प्रति मोह भंंग हो गया है। उन्होंने कहा कि संबंधी वनाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, क्षेत्रीय वनाधिकारी केवल चौकियों तक ही निरीक्षण कर अपनी इतिश्री समझ लेते हैं। विधायक ने कहा कि निचलेे स्तर के कर्मचारियों के निलंबन से पूर्व उनकी परेशानियाें को भलीभांति समझा जाए व वनाग्नि हेतु गम्भीरता से विचार किया जाये।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here