चुनाव आते ही सरकार और नेता जिस तरह जनसेवा और विकास कार्यों में जुट जाते हैं काश वैसी तत्परता और सक्रियता उनके द्वारा अपने पूरे कार्यकाल में दिखाई जाती तो न सिर्फ विकास को नए पर लग गए होते अपितु धरती पर स्वर्ग उतर आया होता। बीते कल नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उत्तराखंड आए और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 14 नई हैली सेवाओं को हरी झंडी देकर और जौली ग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन करके चले गए। उनका कहना है कि इससे न सिर्फ एयरपोर्ट की यात्री क्षमता ढाई सौ से बढ़कर 12.50 हो जाएगी अपितु राज्य के पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। निश्चित तौर पर इसमें कोई संदेह की बात नहीं है, तेरह जिलों वाले इस छोटे से राज्य में अगर लोगों को 14 बड़े शहरों तक आने जाने के लिए हेली सेवाएं उपलब्ध होगी तो देश विदेश के लोगों को पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन सवाल यह है कि उत्तराखंड राज्य बने 2 दशक का समय बीत चुका है। 2014 से पहले राज्य में राजधानी दून से पिथौरागढ़ पिथौरागढ़ से हिंडन, पिथौरागढ़ से पंतनगर के बीच हेली सेवा शुरू की गई थी लेकिन 2021 तक भी इन हेली सेवाओं का संचालन नियमित रूप से नहीं किया जा सका। सालों से बंद पड़ी इन सेवाओं को भी एक बार फिर संचालित करने की बात कही गई है। यही नहीं बीते कल केंद्रीय योजना उड़ान के तहत 14 हेली सेवाओं को केंद्रीय मंत्री ने हरी झंडी तो दिखा दी लेकिन सवाल यह है कि क्या इन सभी सेवाओं का संचालन सुचारू और नियमित रूप से हो भी सकेगा या यह भी एक चुनावी सगुफा और सक्रियता बन कर रह जाएगी। मुख्यमंत्री हरीश धामी कह रहे हैं कि देश की हेली कंपनियां आए उन्हें पर्याप्त सुविधाएं दी जाएगी। राज्य में चारधाम यात्रा के दौरान राज्य सरकार द्वारा जो हेली सुविधा मुहैया कराई जाती है उसका एक अन्य उदाहरण भी हमारे सामने है। राज्य सरकार इन हैली सेवाओं को आज तक तो नियमित और सुचारू रूप से संचालित नहीं कर सकी हैं। सिंधिया का कहना है कि इन हेली सेवाओं के लिए नए एयर रूट तैयार किए जाएंगे। देखना यह है कि चुनाव से पूर्व और चुनाव के बाद इन हैली सेवाओं का कितना लाभ प्रदेश के पर्यटन को व पर्यटकों को मिल पाता है। हमें याद है तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ निशंक ने ऐसे ही चुनावी दौर में अटल खाघान्न योजना का शुभारंभ बड़े जोर शोर से किया था जिसका आज तक यह भी अता पता नहीं है कि अटल खाघान्न योजना कहां है। लेकिन फिर भी इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य में जितनी बेहतर एयर कनेक्टिविटी होगी, सड़कें होंगी, रेल मार्ग होंगे विकास भी उतना ही तेजी से होगा। आने वाले समय में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन और ऑल वेदर रोड का काम पूरा होने पर राज्य की कनेक्टिविटी बेहतर होगी इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। आने वाले समय में जौली ग्रांट एयरपोर्ट का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने का सपना साकार होगा। भले ही आज अच्छे हालात न सही लेकिन कल के बेहतर होने की संभावना तो बेहतर है ही।