संसद की सुरक्षा में फिर बड़ी चूक

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दर्शक दीर्घा से लोकसभा सदन में कूदे दो युवक

  • पटाखे फोडे़, धुंआ—धुंआ हुआ सदन
  • दोनों युवक गिरफ्तार, पूछताछ जारी
  • सदन के अंदर युवको ने की नारेबाजी

नई दिल्ली। आज देश के संसद भवन में उसे समय अफरा—तफरी मच गई जब शून्य काल के दौरान अचानक दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर लोकसभा सदन में आ गए, कोई कुछ समझ पाता तब तक वह नारेबाजी करते हुए सांसदों की टेबलों को कूदते हुए अध्यक्ष की कुर्सी की ओर बढ़ने लगे। जिन्हें बाद में किसी तरह सांसदों ने घेर लिया तो उन्होंने स्मोक क्रेकर का इस्तेमाल कर सदन में धुआं धुआं कर दिया। घबराए सांसद अपनी सुरक्षा के लिए इधर—उधर दौड़ते दिखे। सुरक्षा कर्मियों ने जब इन दोनों को पकड़ लिया तब कहीं जाकर लोगों ने चैन की सांस ली। गिरफ्तार युवकों से अब दिल्ली पुलिस और आईबी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं लेकिन संसद की सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसा लगता है कि हमने 2001 के संसद हमले से भी कोई सबक नहीं लिया है। इस घटना के बाद लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
प्राप्त सूचनाओं के आधार पर आज संसद के बाहर और अंदर दो ऐसी घटनाएं सिर्फ 10 मिनट के अंतराल पर घटित हुई। जब नए संसद भवन के ट्रांसपोर्ट भवन की ओर वाले गेट पर एक युवक और एक युवती ने अचानक नारेबाजी शुरू कर दी और स्मोक क्रेकर के जरिए लाल पीले और काले रंग का धुआं छोडा़ गया। इन दोनों ही युवक व युवती द्वारा तानाशाही नहीं चलेगी के नारे भी लगाए गए। इन दोनों को ही सुरक्षा कर्मियों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक युवती का नाम नीलम है जो महाराष्ट्र की बताई जा रही है। जबकि युवक का नाम अनमोल है।
इस घटना के ठीक 10 मिनट बाद लोकसभा की दर्शक दीर्घा में एक युवक ने सदन में छलांग लगाई और वह सांसदों की टेबलों से कूदता हुआ पीठ की तरफ दौड़ने लगा। इसके तुरंत बाद एक अन्य युवक दर्शक दीर्घा से कूदा और वह भी पीठ की ओर नारेबाजी लगाता हुआ दौड़ा। इस घटना से सदन में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। कुछ सांसदों ने इन्हें पकड़ने की कोशिश की तो कुछ अपनी जान का खतरा भांपकर इधर—उधर भागने लगे। सांसदों से अपने आप को घिरा देख युवक ने अपने जूते से कुछ निकाला और देखते ही देखते सदन में पीले रंग का धुआं धुआं भर गया। इसी बीच सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को दबोच लिया और उन्हें पार्लियामेंट थाने ले गए जहां दिल्ली पुलिस और आईबी के अधिकारियों द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही है।
आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी के अवसर पर जब संसद भवन में बने शहीद स्मारक में हमारे सांसदों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है उसी दिन एक बार फिर संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले ने अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। 13 दिसंबर 2001 को पाक के आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के आत्मघाती दस्ते ने संसद में ताबड़ तोड़ गोलियां बरसाकर देश को दहलाने का काम किया गया था इस हमले में पांच आतंकियों सहित 14 लोगों की जान चली गई थी। तत्कालीन अटल के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसे देश के लोकतंत्र पर हमला करार दिया था।


संसद की सुरक्षा की कलई खुली

नई दिल्ली। एक बार आज फिर जिस तरह से संसद हमले की 22वीं बरसी पर संसद की सुरक्षा में चूक का यह बड़ा मामला सामने आया है उसमें भले ही जान माल का कोई नुकसान न हुआ हो लेकिन संसद जिसे सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है उसकी सुरक्षा कितनी चाक चौबंद है इसकी कलई खुल गई है। जिस तरह से यह युवक लोकसभा सदन तक पहुंच गए ऐसे में कितनी बड़ी कोई अनहोनी घटना संभव थी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है? यह एक बड़ा सवाल है। संसद भवन में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश कैसे संभव हुआ उन्हें कहां से पास प्राप्त हुए जबकि बिना किसी सांसद के अनुमोदन के पास नहीं बन सकता ऐसे तमाम सवाल है जिनका जवाब जरुरी है।

सदन की कार्यवाही जारी रखकर मामूली घटना साबित करने की कोशिश

  • विपक्ष की मांग पहले सदन की सुरक्षा सुनिश्चित करें फिर चले करवाई

नई दिल्ली। संसद के अंदर और बाहर चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय नेतृत्व और लोकसभा अध्यक्ष ने इस बड़ी और अति गंभीर घटना को मामूली साबित करने का प्रयास करते हुए लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे फिर शुरू की गई। लेकिन सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओउम बिड़ला के पहुंचते ही नेता विपक्ष व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना था कि यह कोई मामूली या सामान्य सी घटना नहीं है इसलिए पहले संसद की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तभी संसद की कार्यवाही चलेगी।
विपक्षी सांसदों के सवालों पर अध्यक्ष ओउम बिड़ला ने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि आपकी चिंता सिर्फ आपकी नहीं है हमारी चिंता भी है। हम सदन की कार्यवाही के बाद इस मुद्दे पर बैठकर बात करेंगे और आपके सुझावों पर गौर करेंगे। उन्होंने कहा कि धुएं की प्रारंभिक जांच कर ली गई वह सामान्य धुंआ ही था। आरोपी गिरफ्तार है और उनसे पूछताछ हो रही है। चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है इसलिए सदन की कार्यवाही संचालित करने दे। लोकसभा अध्यक्ष का इशारा था कि सदन की कार्यवाही संचालित कर वह यह संदेश देना चाहते हैं कि यह एक मामूली घटना थी और ऐसी घटनाएं हमें डरा नहीं सकती हैं हिला नहीं सकती हैं।

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