बहुत हुई महंगाई की मार

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इन दिनों सोशल मीडिया पर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान का एक पोस्टर वायरल हो रहा है इसमें लिखा है कि ट्टबहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार’ इस पोस्टर के साथ पीएम मोदी का फोटो भी लगा है। 2014 से पूर्व जो पेट्रोल और डीजल तथा खाघ तेलों की कीमतों की तुलना करें तो पेट्रोल डीजल के दाम दोगुना और खाघ तेल तथा रसोई गैस की कीमतों के दाम लगभग तीन गुना ज्यादा हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी भले ही आत्मनिर्भर भारत की बात करें या डिजिटल इंडिया की अथवा गति शक्ति की। सवाल यह है कि क्या देश का आम आदमी इस बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बीच सुखचैन की रोटी खा पा रहा है। आंकड़ों की बाजीगरी करना बहुत आसान काम होता है। आयरलैंड और जर्मनी की एक एजेंसी की भुखमरी पर किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार भारत 116 देशों की सूची में 101वें स्थान पर है। तथा पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी आगे है। जब 2020 में भारत 94वेंं स्थान पर था। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी काल में भारत में गरीबी की रेखा से नीचे जीने वालों की तादाद 6 करोड़ से बढ़कर 14 करोड हो गई है। यह वह लोग हैं जिनकी प्रति दिन की आय दो डॉलर यानी 150 रुपए से भी कम है। अब आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि इन 14 करोड़ लोगों का इस महंगाई के दौर में क्या हाल होगा। क्या वह 150 रूपये में दो वक्त का खाना भी भरपेट खा सकते हैं। जहां पेट्रोल—डीजल के दाम 100 और 90 रूपये प्रति लीटर हो, रसोई गैस सिलेंडर 900 का मिल रहा हूं और टमाटर और गोभी 50 रूपये किलो हो तथा खाघ तेल 220 रूपये बिक रहा हो। हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने, किसानों की आमदनी दोगुना करने, विदेशों में जमा काला धन वापस लाने और हर गरीब के खाते में 15 लाख रुपए डालने की बातें अगर भाजपा और वर्तमान सरकार की शगूफे बाजी नहीं है तो और क्या है। यह मोदी की सरकार का ही कमाल है कि देश के लोगों ने 50 रूपये किलो का आलू खाकर भी उफ तक नहीं की। लेकिन क्या अब बहुत ज्यादा नहीं हो चुका है? 2014 का यह चुनावी पोस्टर जिसमें पीएम मोदी के फोटो के साथ लिखा है ट्टबहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार’ देश की जनता का उस गरीब जनता का जिसे दो जून की रोटी कमाना खाना भी मुश्किल हो गया मुंह चिढ़ाता हुआ दिखता है। देश का हर आम आदमी इस बढ़ती महंगाई से परेशान हैं देश का ट्रांसपोर्ट बिजनेस पूरी तरह चौपट हो गया है। बढ़ती महंगाई के कारण देशभर में त्राहिमाम मचा है किंतु सरकार व सत्ता में बैठे लोग चैन की बंसी बजा रहे हैं और भूखे नग्न लोगों को आत्मनिर्भर भारत का पाठ पढ़ा रहे हैं। धन्य है मेरा भारत महान और उसके यह नेता।

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