बहुगुणा के सामने डैमेज कंट्रोल की चुनौती

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मान मनोवल की कोशिशें जारी, सफलता संदिग्ध
जाने वालों को रोक पाना किसी के भी बस में नहीं

देहरादून। भाजपा के कुछ मंत्री और विधायकों के दल बदल की आशंकाओं के बीच देहरादून पहुंचे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस के इन दावों को खारिज किया है कि भाजपा के विधायक और मंत्री पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जा रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए हरीश रावत से पूछा है कि वह यह बताएं कि वह कौन सी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
भले ही विजय बहुगुणा यह कह रहे हो कि उनका (भाजपा का) कोई मंत्री और विधायक कांग्रेस में जाने वाला नहीं है लेकिन उनका यह दावा सच है तो फिर वह क्यों दिल्ली छोड़कर दून में डेरा डाले हुए हैं। क्यों भाजपा के नेता और वह खुद कभी डॉ हरक से तो कभी काऊ से बंद कमरों में वार्ता करने में जुटे हुए हैं? इस सत्य को सभी जानते हैं कि भाजपा हाईकमान ने उन्हें डैमेज कंट्रोल के लिए ही देहरादून भेजा है। 2016 में जो कांग्रेसी नेता विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे अब उन्हें रोके रखने की जिम्मेवारी भी उन्हें ही सौंपी गई है।
भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विजय बहुगुणा अगर अब अपने नाराज मंत्री व विधायकों की नाराजगी दूर करने उन्हें मनाने में जुटे हैं तो वह भी बेवजह नहीं है। डॉ हरक सिंह और काऊ अगर जेपी नड्डा से लेकर तमाम पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर उन्हें अपनी समस्याएं बता चुके हैं तो कुछ न कुछ तो है जो ठीक नहीं है।
आज विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर ताजा हालात पर वार्ता करने वाले हैं वहीं वह केंद्रीय नेताओं से भी वार्ता करने की बात कह रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि वह इन नाराज नेताओं की समस्याओं के समाधान का भरोसा दे चुके हैं। समाधान हो पाता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा। विजय बहुगुणा अपने इस मिशन डैमेज कंट्रोल में कितने सफल हो पाते हैं यह आने वाले दिनों में ही पता चल सकेगा। लेकिन बहुगुणा अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके खुद के लिए कांग्रेस के द्वार खुलने मुश्किल ही नहीं असंभव है। अगर उनके साथ आए नेता भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामते है तो भाजपा में भी उनका वजूद नहीं बच पाएगा।

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