अंकिता मर्डर केस में अगली सुनवाई 18 नवम्बर को

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कोर्ट ने परिजनों से पूछा एसआईटी जांच पर भरोसा क्यों नहीं?
परिजनों ने जताया संदेह एसआईटी नहीं दिला सकती न्याय
सीबीआई जांच की मांग पर अड़े है अंकिता के परिजन
विशेष संवाददाता नैनीताल। अंकिता मर्डर केस की सीबीआई जांच की मांग को लेकर अंकिता के परिजनों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आज नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा याचिकाकर्ताओं से एसआईटी जांच पर संदेह करने के कारणों पर हलफनामा देने को कहा गया। वहीं राज्य सरकार की ओर से आज इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई है मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तारीख तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि अंकिता भंडारी केस में अंकिता के एक रिश्तेदार और माता—पिता द्वारा एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग हाईकोर्ट से की गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि वादी पक्ष के रसूखदार होने व दबंग होने के कारण उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है तथा धमकियां दी जा रही है। परिजनों का कहना था कि एसआईटी द्वारा अब तक अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक उजागर नहीं की गई है तथा वनंत्रा रिजार्ट जहां अंकिता काम करती थी और रहती थी सबूत मिटाने के लिए बिना प्रशासन की अनुमति के बुलडोजर चला दिया गया था। अब तक जांच रिपोर्ट में एसआईटी न तो कोई फॉरेंसिक एविडेंस जुटा सकी है और न आरोपी पुलकित कार्य तथा अंकित व सौरभ के मोबाइल बरामद कर सकी है।
उल्लेखनीय है कि वंनत्रा रिजार्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी 18 सितंबर से लापता थी लेकिन उसकी रिपोर्ट ऋषिकेश पुलिस द्वारा 23 सितंबर को लिखी गई तथा 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद किया गया था। वंनत्रा के कर्मचारियों व अन्य साथियों से पता चला था कि अंकिता को दो टू व्हीलर से पुलकित, अंकित व सौरभ अपने साथ ले गए थे लेकिन जब वह रिजार्ट लौटकर आएं तो अंकिता उनके साथ नहीं थी इस मामले में रिजार्ट के मालिक पुलकित आर्य व उसके दोनों मैनेजरोेंं को 23 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था तथा उनकी निशानदेही पर ही अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ था। इस केस के खुलासे में अंकिता के एक दोस्त की अहम भूमिका रही थी। इस हत्याकांड को लेकर पूरे देश में आंदोलन की आग भड़क उठी थी। धामी सरकार द्वारा इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी।
हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएंगे या नहीं यह कोर्ट का फैसला आने पर ही पता चलेगा लेकिन अंकिता भंडारी के परिजनों को एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है तथा सरकार व प्रशासन पर इस मामले को रफा—दफा करने का प्रयास करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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