विकास का डबल इंजन

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बीते कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दौरे पर आए। क्योंकि यह साल चुनावी है, इसलिए लोग यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि प्रधानमंत्री फिर उत्तराखंड को कोई ऑल वेदर रोड या कर्णप्रयाग ऋषिकेश रेलवे लाइन जैसी कोई बड़ी सौगात दे सकते हैं लेकिन इस बार लोगों को निराशा ही हाथ लगी। देवभूमि को अपनी कर्मभूमि और मर्मभूमि बताने जैसे भावनात्मक अपने भाषण में उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम उपलब्धियों का बखान इस अंदाज में किया जैसे वह किसी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हो। अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के लोगों का राज्य विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। राज्य अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करें तो उनका राज्य कैसा हो? यह तय करने का यही समय है, सही समय है। विकास का यही डबल इंजन राज्य को विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है। आपको याद होगा कि 2017 के समय भी प्रधानमंत्री मोदी ने डबल इंजन सरकार से राज्य के दोगुना रफ्तार से विकास करने की बात कही थी। बीते 5 सालों में भाजपा की वर्तमान प्रचंड बहुमत वाली सरकार ने राज्य में कितने विकास कार्य किए हैं? इसकी समीक्षा किया जाना भी जरूरी है। भाजपा ने 2017 के अपने दृष्टि पत्र में जो वायदे आम आदमी से किए थे उनमें से कितने वायदे पूरे किए और कितने अधूरे रह गए। भाजपा सरकार में बैठे लोगों का दावा है कि उनकी सरकार ने अपने 60 फीसदी वायदे पूरे कर दिए हैं। इस दृष्टि पत्र में भाजपा ने 100 दिन के अंदर राज्य को एक सशक्त लोकायुक्त देने का वायदा किया था। आज विपक्षी दलों के नेता भाजपा से पूछ रहे हैं की हुजूर अब तो पांच साल पूरे होने जा रहे हैं लोकायुक्त कहां है? इससे अधिक गैर जिम्मेदाराना बात और क्या हो सकती है कि अब लोकायुक्त का गठन करने में अपनी नाकामी को छिपाने के लिए भाजपा के नेता कह रहे हैं कि जब राज्य में भ्रष्टाचार ही नहीं है तो फिर लोकायुक्त की जरूरत ही क्या है? एनएच 94 के घोटाले को लेकर आरोपियों को जेल भेजने का दावा भाजपा करती थी उस वायदे का क्या हुआ? इसका कोई भी जवाब वर्तमान सरकार के पास नहीं है। किसानों की आय दोगुना की जाएगी। महंगाई को कम किया जाएगा। बेरोजगारी को खत्म किया जाएगा। पलायन पर रोक लगाई जाएगी? सवाल एक नहीं अनेक है। सरकार ने 4 साल में तीन मुख्यमंत्री तो बदल दिए लेकिन अपनी उपलब्धियों और विकास के नाम पर तीन काम भी गिने जाने लायक नहीं है। इस बार भाजपा का नारा है कि अबकी बार 60 पार। लेकिन भाजपा के नेता क्या सिर्फ डबल इंजन सरकार के विकास का सपना दिखाकर ही इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं। राज्य में सड़क, बिजली, पानी की क्या स्थिति है किसी से छुपा नहीं है। पीएम ने भी हर घर जल, घर घर नल योजना के तहत सात लाख दस हजार घरों में पानी पहुंचा दिया लेकिन धरातल पर सिर्फ घरों के आगे पानी की रोटियां लगी है पानी की लाइनों का अता पता नहीं है। क्या डबल इंजन सरकार का यही विकास है। सबका साथ सबका विकास और सब का प्रयास वाली भाजपा को नारों और जमीनी हकीकत के फर्क को भी समझने की जरूरत है। विकास सिर्फ नारों से संभव नहीं होता है।

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