- ना स्मार्ट नम्बर प्लेट, नहीं भरे पिछले 3 चालान
देहरादून। लच्छीवाला टोल प्लाजा के पास डम्पर की चपेट में आकर कार सवार दो लोगों की मौत के मामले में दुघर्टना कारित करने वाले डम्पर में स्मार्ट नम्बर प्लेट न लगे होने पर भी सवाल खडे हो रहे है? लेकिन आरटीओ ने उसको सही करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस लच्छीवाला टोल प्लाजा पर खनन सामग्री से भरे डंपर ने टोल टैक्स चुकाने के लिए रूकी कार को टक्कर मार दी और फिर घसीटते हुए टोल पिलर तक ले गया। जहां पिलर व डंपर के बीच फंसने से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी इससे कार में सवार दो लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी। कार में रतनमणि उनियाल निवासी इंद्रप्रस्थ एनक्लेव व पंकज कुमार निवासी रायपुर दोनो अपनी डयूटी पर जा रहे थे। पुलिस ने डंपर को सीज कर दिया। इस मामले में जब बारीकी से जांच की गयी तो पाया कि डम्पर पर लगी नम्बर प्लेट भी संदिग्ध दिखायी दे रही है और वह आरटीओ से जारी होने वाली स्मार्ट नम्बर प्लेट न होकर साधारण सी नम्बर प्लेट है और उस पर यूके 16 सीए 6636 अंकित है लेकिन अगर गौर से देखा जाये तो वह 16 नहीं लग रहा है इस पर भी संदेह है कि यह नम्बर 16 है या फिर 18 है। यह भी संदेह के दायरे में आ रहा है।
आरटीओ के ई—वाहन पोर्टल पर जब इस सर्च किया गया तो पाया कि यह यूके 18 ही है तो फिर इसको मिटाकर 16 क्यों किया गया इस पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। वहीं ई—वाहन पोर्टल पर सर्च किया गया तो उक्त डम्पर के पूर्व में तीन चालान हो रखे है जिसका जुर्माना अभी तक जमा नहीं किया गया है और चालान एक खतरनाक स्पीट का है तो दूसरा वन—वे व तीसरा नम्बर प्लेट का चालान है। अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस व आरटीओ विभाग ने इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की। क्या दोनों विभाग किसी दुघर्टना का इंतजार कर रहे थे। वहीं इतना कुछ हो जाने के बाद भी न तो आरटीओ ने इस नम्बर प्लेट पर किसी प्रकार का कोई संज्ञान लिया और न पुलिस विभाग ने ही कोई संज्ञान लिया कि यह संदेहास्पद नम्बर प्लेट क्यों लगी हुई है। डोईवाला कोतवाल कमल कुमार लुंठी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौके पर आरटीओ मौजूद थे तथा उन्होंने सारी जांच करने के बाद डम्पर के कागजात व अन्य दस्तावेज सहीं पाये है। जबकि यह डम्पर तीन बार बिक चुका है वर्तमान में जो इसके मालिक सद्दाम हुसैन है उससे पहले यह तीन बार अन्यों के नामों पर रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस तरफ आरटीओ व पुलिस विभाग की निगाह कब पडेगी।