भर्ती घोटालों के विषय में स्वामी के हस्तक्षेप से प्रदेश के युवाओं में रोषःथापर

0
266

देहरादून। सामाजिक कार्यकर्ता व हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने कहा कि भाजपा के पूर्व सांसद, पूर्व कानून मंत्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विधानसभा से निलंबित 228 कर्मचारियों के पुनः बहाली हेतु आग्रह किया। इससे उत्तराखंड के युवाओं के हितों एवं हक—हकूक पर कुठाराघात हुआ है।
आज यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए थापर ने कहा कि भाजपा के पूर्व सांसद, पूर्व कानून मंत्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर व अपने सोशल एकाऊंट से ट्वीट कर विधानसभा से निलंबित 228 कर्मचारियों के पुनः बहाली हेतु आग्रह किया। इससे उत्तराखंड के युवाओं के हितों एवं हक—हकूक पर कुठाराघात हुआ है। उन्होंने कहा कि विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता का घोटाला सन 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था। जिस पर सरकारें लगातार अनदेखी कर रही थी। विधानसभा भर्ती में राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से वर्ष 2022 तक समस्त नियुक्तियों की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में किया जाय और भ्रष्टाचार से नौकरी देने वाले मंत्री/अफसरों से सरकारी धन की रिकवरी की माँगो पर जनहित याचिका विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि इस जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय नैनीताल ने गंभीर संज्ञान लेते हुए सरकार को 8 हफ्ते में जवाब तलब कर बड़ी कार्यवाही की है, पर दुर्भाग्यपूर्ण है कि 10 हफ्ते बीत जाने के बाद भी सरकार ने अभी तक न्यायालय को कोई जवाब नहीं दिया है। किन्तु गत दिवस भाजपा के पूर्व सांसद, पूर्व कानून मंत्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर व अपने सोशल एकाऊंट से ट्वीट कर विधानसभा से निलंबित 228 कर्मचारियों के पुनः बहाली हेतु आग्रह किया। इससे उत्तराखंड के युवाओं के हितों एवं हक—हकूक पर कुठाराघात हुआ है। कई सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया। मुख्यमंत्री को डॉ स्वामी ने पत्र लिखा है उनके अपने रिश्तेदार इन बर्खास्त 228 कर्मचारियों में से है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की रिश्तेदार एकांकी धामी सहित 72 लोगों को मुख्यमंत्री धामी द्वारा अपने सर्वाेच्च विशेषाधिकार विचलन का दुरुपयोग कर 2022 में नियुक्ति प्रदान की गई थी, जिसमें तत्कालीन स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल , भाजपा संगठन मंत्री अजय कुमार आदि के रिश्तेदारों को भी नियुक्ति प्रदान की गयी है। वर्तमान धामी सरकार में इस विधानसभा भर्ती घोटाले के साथ यूकेएसएसएससी व यूकेपीसीएस में कई पेपर—लीक के मामले आये जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में चला गया , इसीलिए निरंतर रूप से उत्तराखंड के लाखों युवा सड़कों पर भर्ती घोटालों की सीबीआई जाँच की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे है, किन्तु सरकार सबकी अनदेखी कर बल पूर्वक आंदोलन की दबाने का काम कर रही है। अभिनव थापर ने बताया कि डॉ सुब्रमण्यम स्वामी से आग्रह है कि विधानसभा भर्ती घोटाले पर जनहित याचिका के निर्णय आने तक अपना माँग—पत्र वापिस लें। प्रेसवार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता विजयपाल रावत भी मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here