- शासन—प्रशासन जुटा तैयारियों में
- 22 जनवरी को पूरे राज्य में दीपोत्सव मनाया जाएगा
देहरादून। अयोध्या के नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला पधारने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनके द्वारा 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी उसे लेकर अयोध्या ही नहीं पूरे देश भर के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। यह उत्साह आम जन तक ही सीमित नहीं है शासन प्रशासन में रामोत्सव के इस उत्साह को देखा जा सकता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी द्वारा अधिकारियों को कल दिए गए दिशा निर्देशों के बाद राज्य में इस आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियाें को यह स्पष्ट कर दिया है कि इस अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सिर्फ रश्म अदाएगी नहीं दिखनी चाहिए जन सहभागिता के साथ सभी कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए इसके लिए 22 जनवरी तक सभी कार्यक्रम तय कर दिए गए हैं कि कब क्या—क्या करना है। राज्य भर के मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर सफाई अभियान चलाये जाने से लेकर वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन व दीपोत्सव तक सब कुछ सरकारी दिशा निर्देशों के अनुकूल ही होना चाहिए। 22 जनवरी को राष्ट्रीय उत्सव की तरह मानने के लिए सभी तरह की तैयारियां करने में प्रशासनिक अमला जुट चुका है। सीएम द्वारा 22 तारीख को सभी सरकारी इमारतोंं और धार्मिक स्थलों पर सजावट और लाइटिंग की व्यवस्था से लेकर प्रसाद वितरण तक की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने को कहा गया है तथा इस दिन पूरे राज्य में शराब और मीट की दुकानों को बंद रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सनातन धर्मालंबियों से लेकर अन्य तमाम धर्म के लोगों में भी 22 जनवरी को होने वाले इस रामोत्सव को लेकर खासा उत्साह है। अयोध्या नगरी जो सरयू नदी के किनारे बसी है तथा सरयू नदी जिसका उद्गम स्थल उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद स्थित सरमूल से हुआ है के कारण भी उत्तराखंड के लोग उत्साहित हैं मुख्यमंत्री धामी सरमूल को गंगोत्री और यमुनोत्री की तर्ज पर विकसित करने और एक और धाम के रूप में लाने की घोषणा कर चुके हैं। वही राम जन्मोत्सव के कार्यक्रमों के लिए हर जिले में मुख्य मंदिरो को भी चयनित किया गया है जिनमें कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। अपने वनवास के दौरान भगवान राम के चरण उत्तराखंड की धरा पर जहां—जहां पड़े उन सभी स्थलों को चयनित और विकसित करने की योजना भी बनाई जा रही है।