ओमिक्रोन की दहशत

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भले ही कोरोना को लेकर यह कहते रहे कि डरना नहीं है, लड़ना है लेकिन हम कोरोना से कितना लड़ सकते हैं और कितना कोरोना को हरा सके हैं कोरोना की दूसरी लहर में हम देख चुके हैं। उस खौफनाक दौर को याद कर के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अब एक बार फिर कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रोन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर संपूर्ण विश्व राष्ट्रो में दहशत का माहौल है। भारत सहित विश्व के 30 से अधिक देशों तक यह नया वेरियंट पहुंच चुका है जिसे डेल्टा से भी 10 गुना ज्यादा घातक बताया जा रहा है। भारत में भले ही अभी कर्नाटक में दो व्यक्तियों में इस वैरिंयट की पुष्टि हुई हो लेकिन राजस्थान के जयपुर में दक्षिण अफ्रीका से आए एक ही परिवार के चार सदस्यों और उनके संपर्क में आए 10 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने तथा यूपी के गाजीपुर मेंं अमेरिका से लौटे एक ही परिवार के 5 लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद अब इनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिन्हे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। कर्नाटक में जिन दो लोगों में इस नए वेरियंट की पुष्टि हुई है उनके संपर्क में आए अन्य लोगों का भी टेस्ट कराया जा रहा है। लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि भारत को विदेशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए लेकिन सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया जिसका परिणाम है ओमिक्रोन अब भारत में पहुंच गया है। डेल्टा वैरीअंट से 30 गुना अधिक तेजी से फैलने वाले इस नए वेरियंट से देश को बड़ा खतरा इसलिए भी है क्योंकि देश में आबादी का घनत्व अधिक है घनी आबादियों में यह और भी तेजी से फैलेगा। इस नए वेरिएंट में मृत्यु दर क्या रहेगी इसका तो अभी पता नहीं है लेकिन अभी तक के अध्ययन में जो सामने आया है वह यह है कि इस पर टीका भी अधिक प्रभावी नहीं है। कर्नाटक में जिन लोगों में यह वैरियंट मिला है उन्हें टीके की दोनों डोज लग चुकी थी। इसलिए यह कहना गलत होगा कि जिन्हें टीका लग चुका है वह इसकी चपेट में नहीं आएंगे कोरोना संक्रमित हर व्यक्ति की जीनोम सीक्ससिंग जांच कराया जाना संभव नहीं है। इसलिए अगर निकट भविष्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ता है जिसके अब आसार दिखाई देने लगे हैं तो यह पता लगाना भी मुश्किल हो जाएगा कि किस व्यक्ति को कोरोना का कौन सा वैरीयंट प्रभावित कर रहा है। टीका बनाने वाली कंपनियां भी दावे से नहीं कह पा रही हैं कि इस नए वेरियंट पर उनका टीका कितना प्रभावी होगा। अभी सिर्फ यह देखना है कि कोरोना का यह नया वैरीयंट कितना अधिक नुकसान पहुंचाता है और इससे कितनी सुरक्षा संभव है। जहां तक बात पाबंदियों की है तो सरकार क्या करती है और क्या नहीं? अलग बात है लेकिन हमें एक बार खुद को स्वयं ही लॉकडाउन की तरह पाबंध होने के लिए तैयार रहना होगा। बस यही बचाव का सबसे बेहतर तरीका और इलाज है।

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