कैसे बुझेगी जंगल की बेकाबू आग?

0
159
  • मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों की बैठक ली
  • अब तक 1144 हैकटेयर जंगल जले
  • पांच लोगों की जा चुकी है जान

देहरादून। उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी आग शासन—प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभी मुख्य सचिव व वन विभाग के मुखिया को सख्त दिशा—निर्देश देते हुए एक सप्ताह में आग पर काबू पाने के निर्देश दिए गये थे। राज्य में 10 मईं से शुरू होने जा रही चार धाम यात्रा के मद्देनजर इस आग पर नियंत्रण पाया जाना जरूरी हो गया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज इसे लेकर अधिकारियों के साथ चिंतन मंथन किया और उन्हें जरूरी दिशा—निर्देश देते हुए ग्राउंड जीरो पर जाकर स्थिति की जानकारी लेने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव प्रचार की व्यस्थता के कारण बाहर है। उन्होंने अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बारे में चिंता जताई थी और अधिकारियों को दफ्तर छोड़कर घटनास्थल में जाने की हिदायत दी थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य के जंगलों में लगी इस आग से अब तक 1144 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। तथा सरकारी अनुमान के अनुसार 30 लाख से अधिक की वन संपदा का नुकसान हो चुका है। वनाग्नि की चपेट में आकर अब तक पांच लोगों की जान गई है। सबसे अधिक नुकसान राज्य के पर्यावरण को हो रहा है। राज्य में अब तक 910 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई है तथा दर्जन भर से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
खास बात यह है कि अभी भी उत्तरकाशी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग तथा कर्णप्रयाग व टिहरी के जंगल धूं—धूं कर जल रहे हैं। पहाड़ पर धुआं ही धुआ छाया हुआ है जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को अनेक तरह की दिक्कतें हो रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार वातावरण के ब्लैक कार्बन में 17 गुना अधिक की वृद्धि हो चुकी है जो आम आदमी व वन्यजीवों के लिए अत्यंत ही घातक है। इस आग से अब तक कई सरकारी और निजी भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। लेकिन इसे काबू किया जाना अत्यंत ही मुश्किल हो चुका है। इस आग को कैसे काबू किया जाए इसमें अब तक कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here