काबुल। अफगानिस्तान के कंधार शहर में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद में हुए विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए ।तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि साप्ताहिक शुक्रवार की प्रार्थना के दौरान लोगों की भारी भीड़ जमा होती है । अधिक जानकारी के लिए उन्होंने जांच तक रुकने की बात कही ।यह अफगान शहर कुंदुज में सैद अबाद मस्जिद में हुए एक घातक विस्फोट के ठीक एक हफ्ते बाद हुआ है, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी । अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से यह सबसे घातक हमला था ।तब इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी । इस्लामिक स्टेट समूह के एक क्षेत्रीय सहयोगी आईएसकेपी को अफगानिस्तान के सभी जिहादी आतंकवादी समूहों में सबसे अधिक हिंसक माना जाता है ।जनवरी 2015 में स्थापित, यह तालिबान के दलबदल सदस्यों सहित अफगान और पाकिस्तानियों की भर्ती करता है ।बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएसकेपी तालिबान को “धर्मत्यागी” मानता है, जो इस्लामी कानून की व्याख्या के अनुसार उनकी हत्या को वैध बनाता है ।26 अगस्त को काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती बम विस्फोट के बाद से यह समूह का सबसे घातक हमला था, जिसमें लगभग 170 नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे ।