खतरे की घंटी

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भले ही देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने पर हमने यह मान लिया हो कि कोरोना खत्म हो गया है किंतु ऐसा है नहीं कोरोना अभी भी मौजूद है और वह कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। कोरोना खत्म होने की अवधारणा के कारण ही देशवासियों को दूसरी लहर के बाद बड़ी तादाद में लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। मार्च 2021 के बाद जब कोरोना संक्रमण कम हुआ तो हमने फिर उसी गलती को दोहराना शुरू कर दिया। आज स्थिति यह है कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर लोगों द्वारा किसी भी तरह की कोई एहतियात नहीं बरती जा रही है। मास्क पहनने तक से लोग परहेज कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई बात तो कहीं रह ही नहीं गई है। नतीजन एक बार फिर देश और प्रदेश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ना शुरू हो गई है। देश में बीते कई दिनों से अब दस हजार से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं बात अगर उत्तराखंड की करें तो अभी एक दिन पर 19 नए मामले सामने आए जिनमें से दून में सबसे अधिक 13 थे। बीते कल भी 8 नए मरीज मिले हैं। दून में सबसे पहली बार दो आईएफएस अधिकारी संक्रमित मिले थे जिन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था यह अधिकारी विदेशों से ट्रेनिंग लेकर लौटे थे। एक बार फिर उसी एफआरआई में 11 अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। खास बात यह है कि इनके संक्रमित होने की खबर तक एफआरआई के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को देने की जरूरत नहीं समझी। अब जब मामला सामने आया तो शासन—प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी ने बीते कल दून में फिर दो कैंटोंमेंट जोन घोषित कर दिए गए हैं। तिब्बती कॉलोनी और एफआरआई में फिर से कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया है तथा संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की तलाश और टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। अभी बीते दिनों जब स्कूल खोले गए थे तब भी कई स्कूली छात्र—छात्राएं संक्रमित पाए गए थे। चार महीने बाद राजधानी दून में फिर कैंटोंमेंट जोन बनाए जाने से यह साफ है कि खतरा अभी भी बरकरार है। गंभीर बात यह है कि अभी भी देश में एक लाख दस हजार सक्रिय मरीज हैं। जबकि मौतों की संख्या भी पंद्रह सौ के आसपास बनी हुई है। भले ही हम इस बात को लेकर खुश हो रहे हो कि देश के सवा सौ करोड़ लोगों को टीका लग चुका है या उत्तराखंड जैसे राज्य जो शत—प्रतिशत टीकाकरण का दावा कर रहे हैं अब कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा लेकिन कोरोना का जो नया नाम सामने आया है उसे लेकर भारत ने एक बार सभी राज्य सरकारों को सतर्कता निर्देश जारी किए हैं क्योंकि यह अत्यंत ही घातक वायरस है केंद्र ने दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और वोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की कड़ी जांच के आदेश दिए हैं। कोरोना की तीसरी लहर के बारे में अभी विशेषज्ञों का यही कहना है कि उसका आना तय है इसलिए कोरोना नियमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। टीका कोई कोरोना का इलाज नहीं है न ही इस बात की गारंटी देता है कि टीका लगने के बाद कोरोना नहीं होगा। इसलिए इस खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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