आपदा के मारो पर पड़ सकती है भारी, बारिश व बर्फबारी

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आज रात से बदलेगा मौसम का मिजाज
कई क्षेत्रों में 5 से 7 फीट बर्फबारी व बारिश संभव

देहरादून। आज रात से उत्तराखंड का मौसम फिर बदलने वाला है पश्चिमी विच्क्षोभ की सक्रियता के चलते अब एक सप्ताह तक प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहने की संभावनाएं मौसम विभाग द्वारा जताई गई है। खास बात यह है कि इससे सर्वाधिक प्रभावित बताए गए क्षेत्रों में जनपद चमोली और आपदा प्रभावित जोशीमठ भी शामिल है।
पहले से ही आपदा की मार झेल रहे जोशीमठ के लोगों की मुश्किलों को यह बारिश और बर्फबारी और भी अधिक बढ़ा सकती है। अभी 2 दिन पूर्व यहां हुई बारिश और बर्फबारी के बाद हालांकि अगले ही दिन मौसम साफ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन मौसम की मार का यह संकट अब एक बार फिर उनके सर पर मंडरा रहा है। राहत शिविरों में महिलाओं और बच्चों के साथ समय काट रहे इन एक हजार के आसपास लोगों को किसी तरह की कोई समस्या का सामना न करना पड़े हालांकि इस पर शासन—प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज फिर जोशीमठ आपदा पर समीक्षा बैठक कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं इससे पूर्व भी वह दो बार समीक्षा बैठक कर चुके हैं तथा जोशीमठ जाकर भी हालात का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। उनके द्वारा अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को भी समय पर समय पर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं लेकिन मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच हुई तो इन आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि राज्य के 2 हजार से अधिक ऊंचाई वाले तमाम क्षेत्रों में आज रात से लेकर 29 जनवरी तक भारी बारिश और बर्फबारी होगी। जिन जिलों के सर्वाधिक प्रभावित होने की बात कही गई है उनमें उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ जिले शामिल है। यहां यह उल्लेखनीय है कि केदारघाटी में अब तक 4 से 5 फीट तक बर्फ पड़ चुकी है ठीक वैसा ही हाल बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब तथा औली का भी है। मौसम विभाग द्वारा इस सप्ताह कई क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ साथ 5 से 6 फीट तक बर्फबारी होने की बात कही गई है। जोशीमठ के जिस क्षेत्र में मोटी—मोटी दरारे आ चुकी है वह बारिश व बर्फबारी के कारण और अधिक विकराल रूप ले सकती है तथा प्रभावित क्षेत्र का दायरा भी बढ़ सकता है। जोशीमठ में आपदा के कारणों को तलाश कर रही एजेंसियों से आज सीएम चर्चा कर स्थिति और हालात को समझने का प्रयास कर रहे हैं उनका कहना है कि इस स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए हैं।

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