नई दिल्ली। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी है, इसके साथ ही उन्हें साल 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने से संबंधित मामले में तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति निर्जर देसाई की पीठ ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। बदा दें कि तीस्ता सीतलवाड़ अंतरिम जमानत हासिल करने के बाद जेल से बाहर हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, चूंकि आवेदक सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत पर बाहर है, इसलिए उसे तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है। सीतलवाड़ और सह-अभियुक्त और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को पिछले साल 25 जून को गुजरात पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और एक अदालत ने उनकी पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद 2 जुलाई को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद वह सितंबर 2022 में जेल से बाहर आईं।