जम्मू। जम्मू-कश्मीर में अब पहले के मुकाबले शांति है। लेकिन इस शांति और अमन के दुश्मन अभी भी अपने काम पर लगे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को बताया कि, हाल ही में कड़े सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत धार्मिक मौलवियों के खिलाफ चेतावनी के बावजूद युवाओं को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है। कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि, कई मौलवियों पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। कई बार चेतावनी देने के बावजूद ये युवाओं को भड़का रहे हैं। बारामूला में एक क्रिकेट टूर्नामेंट से अलग पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, इन लोगों को कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने कहा, ऐसी खबरें हैं कि कुछ अन्य मौलवी भी ऐसा ही कर रहे हैं। जल्द ही सबूत मिलने के बाद उन पर भी मामला दर्ज किया जाएगा। विजय कुमार ने कहा कि इस तरह के खतरे को रोकने के लिए उनके पास अन्य कानूनी विकल्प हैं। इनमें से कुछ मौलवियों को संवेदनशील बनाया जा रहा है और उन्हें घर जाने दिया जा रहा है और जब कोई मौलवी युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने का काम करता है तो पीएसए अंतिम विकल्प है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में, कश्मीर घाटी में कई धार्मिक मौलवियों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से कुछ पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इन मौलवियों पर युवाओं को भड़काने के मामले में कार्रवाई की। हालांकि, पुलिस ने कई बार इन्हें चेतावनी भी दी लेकिन ये नहीं माने