भ्रष्टाचार का खात्मा जरूरी

0
66


लोकसभा का वर्तमान चुनाव अत्यंत विकराल स्थितियों और परिस्थितियों से घिरता जा रहा है। हर दिन हर पल तेजी से घटित होने वाले घटनाक्रमों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस चुनावी दौर में कोई तेज आंधी तूफान आया हुआ है जो अपने साथ सब कुछ उड़ा ले जाने पर आमादा है। चुनावी दौर में देश भर में विपक्षी नेताओं पर ईडी और सीबीआई के ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं। नेताओं को गिरफ्तार कर जेलों में भेजा जा रहा है। तमाम राजनीतिक दलों के सामने यह संकट खड़ा हो गया है कि वह ऐसी स्थिति में चुनाव लड़े तो कैसे लड़े। दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के सीएम केजरीवाल सहित तमाम बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद राजधानी दिल्ली से लेकर पूरे देश ही नहीं विदेशों तक हंगामा मचा हुआ है। बीते कल केरल से लेकर कर्नाटक और दिल्ली से लेकर गुजरात के सूरत तक ईडी ने दर्जनों स्थानों पर छापेमारी की। विपक्षी नेताओं के खिलाफ हो रही इस कार्यवाही के विरोध में समूचा विपक्ष एक तरफ खड़ा हो गया है। लेकिन न्यायालयी दखल के बावजूद भी ईडी रुकने का नाम नहीं ले रही है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा और केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई तथा निर्वाचन आयोग जैसी स्वायत्तता धारी संस्थाओं का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने तथा विपक्ष को प्रभावहीन बनाने के लिए कर रही है। जिससे डरकर लोग या तो भाजपा के साथ आ जाए या फिर जेल चले जाए जिससे वह चुनाव लड़ने की स्थिति में न रहे। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार—बार इस बात का ऐलान कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वह भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पबद्ध है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस कार्रवाई को मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि इलेक्टोरल बांड जो देश का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है में सरकार बुरी तरह फंस चुकी है और उसे इससे बचाव का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तथा बौखलाहट में यह छापेमारी की जा रही है। बीते कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली किंतु कोर्ट ने ईडी से गिरफ्तारी और रिमांड का आधार जरूर पूछा है। अब 3 अप्रैल को तय होगा कि उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा या फिर वह बाहर आ पाएंगे। कुछ भी सही लेकिन एक बात साफ है कि केंद्र सरकार ने पूरे विपक्ष को सिर्फ और सिर्फ अपने बचाव करने के काम पर लगा दिया है। कोई भी दल हो या फिर कोई भी नेता हो विपक्ष को चुनाव लड़ने और हार जीत पर सोचने का समय नहीं है। सभी डरे हुए हैं कि ईडी और सीबीआई आएगी और उन्हें पकड़ कर जेल ले जाएगी और जेल में डाल दिया जाएगा। वह छूटकर आ भी गए तो पता चला कि चुनाव भी निपट गया और उनकी पार्टी भी निपट गई। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारियों का बिल्कुल सही इंतजाम किया है उनकी जगह विधानसभाओं और संसद में नहीं होनी चाहिए उन्हें जेल में ही होना चाहिए तभी यह देश और इस देश का लोकतंत्र और संविधान बचाया जा सकता है। भ्रष्टाचार को जब तक जड़ से उखाड़ कर नहीं फेंका जाएगा तब तक देश में रामराज की स्थापना संभव है न भारत को विकसित देश बनाया जाना संभव है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here