भाजपा की दावेदारी

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भाजपा नेताओं को इस बात का पूरा विश्वास है कि 2024 का आम चुनाव जीत कर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में अपनी सरकार बनाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र अपने अंदाज में कर चुके हैं। उनके इन बयानों को भले ही विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा हो या फिर उनका अति आत्मविश्वास हो लेकिन भाजपा ने 2024 के लिए जो एजेंडा और मुद्दे सेट किए हैं वह उनके अनुसार ही अपनी चुनावी तैयारियों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रही है जो अब टीम इंडिया के लिए बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है। भाजपा अयोध्या के राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा के जरिए एक बार फिर हिंदुत्व के अपने एजेंट को धारदार बनाने में सफल होती दिख रही है भले ही विपक्ष द्वारा भाजपा की नीति और नियत को लेकर 100 सवाल खड़े किए जा रहे हो लेकिन भाजपा को इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है उसके द्वारा अपने तय कार्यक्रमों के तहत देश भर में राम लहर पैदा कर दी गई है। चुनाव से ठीक पहले देश के लोग जय श्री राम की जय—जय कार करते हुए अयोध्या की ओर रुख कर रहे हैं। अयोध्या के लिए शुरू की गई हवाई यात्रा की बात करें तो मात्र 15 दिन के अंदर देश के तमाम शहर अयोध्या से जुड़ गए हैं लोगों में अयोध्या जाने की ऐसी होड़ मची हुई है कि अयोध्या के हवाई किराए में 400 फीसदी की वृद्धि हो गई है। क्योंकि यात्रियों की संख्या अधिक है और फ्लाइटों की संख्या सीमित है। देश के शायद ही किसी हवाई अड्डे या शहर ने ऐसी उड़ान कभी भरी हो जैसी अयोध्या ने भरी है। प्राण प्रतिष्ठा तक तो देश भर में दिवाली जैसा उत्सव का माहौल बन ही चुका है यह सिलसिला अब महीनो तक जारी रहे इसके पुख्ता इंतजाम भी भाजपा द्वारा किये जा चुके है। भाजपा के दूसरे एजेंडें में अब उसकी बड़ी ताकत उसके वह लाभार्थी हैं जो केंद्रीय सरकार द्वारा चलाई जाने वाली डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। एक रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता इनसे संपर्क साध रहे हैं भाजपा की विकसित भारत संकल्प यात्राओं के आयोजन का सीधा प्रयोजन इन लाभार्थियों से संवाद ही है। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस यात्रा से हमें यह जमीनी हकीकत भी पता चल सकेगी की कितने लोगों को योजनाओं का लाभ मिला है और कितने लोग लाभ मिलने से वंचित रह गए हैं। इन लाभार्थियों की संख्या करोड़ों में है। भाजपा की सोच है कि अगर इन लाभार्थियों में से आधे भी भाजपा को समर्थन करेंगे तो उसे फिर से सत्ता में आने से कोई नहीं रोक पायेगा। भाजपा की तीसरी बड़ी ताकत है उसका संगठित कार्यकर्ता और सशक्त मीडिया प्रबंधन जिसका कोई तोड़ किसी भी दल के पास नहीं है। उसका चौथा स्तंभ वह राष्ट्रवाद है जिसमें अब उसके द्वारा विकसित भारत की परिकल्पना को जोड़कर और अधिक मजबूत बनाने के प्रयास किया जा रहा हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे के साथ अब भाजपा ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का प्रचार जोर—जोर से शुरू कर दिया है। जिसके दम पर वह फिर से केंद्रीय सत्ता पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। चुनावी नतीजे क्या रहते हैं यह आने वाला समय ही बताएगा।

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