मौसम की खलनायकी

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चार धाम यात्रा का अभी ठीक से आगाज भी नहीं हुआ है कि मौसम की बेरुखी और अव्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं को मुश्किल में डाल दिया है। केदारनाथ घाटी में पिछले 15 दिनों से मौसम खराब है लेकिन धाम के कपाट खुलने से एक दिन पूर्व धाम में हुई बर्फबारी के कारण स्थिति और अधिक बिगड़ चुकी है। बीते 2 दिनों से 3 फुट बर्फ पड़ने से तैयारियों का काम प्रभावित हुआ है। मंदिर परिसर से लगातार बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है लेकिन पैदल मार्ग पर अभी भी बर्फ का डेरा है। यात्रियों को ठहरने के लिए जो टेंट लगाए जाने थे वह अभी तक नहीं लग सके हैं और जो लगा दिए गए थे वह भी बर्फबारी से टूट गए हैं। पेयजल, शौचालय, पथ—प्रकाश व्यवस्था से लेकर धाम को फूलों से सजाने का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है जबकि बाबा केदार की पंचमुखी डोली धाम पहुंच चुकी है और कल सुबह कपाट खोले जाने हैं। धाम में जो भी श्रद्धालु पहुंच पाए हैं उनका कहना है कि कैसे पहुंचे? यह वह जानते हैं या बाबा जानते हैं। धाम में तापमान शून्य से भी नीचे है खास बात यह है कि शासन—प्रशासन द्वारा केदारधाम के लिए पंजीकरण तो बंद कर ही दिए हैं साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि वह मौसम साफ होने का इंतजार करें? मौसम विभाग द्वारा धाम में 25 से 29 अप्रैल तक बारिश व बर्फबारी का अलर्ट जारी करने के बाद एसडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। राज्य में होली के बाद से ही लगातार मौसम खराब चल रहा है। 15 मार्च से लेकर 15 अप्रैल तक जो 1 माह का समय यात्रा की तैयारियों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था उस दौरान मौसम बार—बार यात्रा की तैयारियों में खलल डालता रहा है भले ही शासन—प्रशासन के स्तर पर सभी तैयारियों के पूर्ण कर लेने तथा पूर्ववर्ती साल से बेहतर इंतजाम और सुगम तथा सरल, सुरक्षित यात्रा कराने के दावे किए जाते रहे हो लेकिन अब यात्रा के शुरू होने पर इन दावों की हकीकत सामने आने लगी है। चार धाम यात्रा मार्गों पर जन सुविधाओं की उपलब्धता की बात हो या फिर सड़कों की स्थिति की और धामों में सुविधाओं की हर जगह अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। केदार धाम के कपाट खुलने से 2 दिन पूर्व हेलीकॉप्टर हादसे में एक यूकाडा अधिकारी की मौत की बात हो या गंगोत्री यमुनोत्री धाम में हृदय गति रुकने से यात्री की मौत का मामला हो चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बताने के लिए काफी है। यह सच है कि चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है 17 लाख के करीब रजिस्ट्रेशन अब तक हो चुके हैं अकेले केदारनाथ के लिए 6 लाख से अधिक यात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं लेकिन जिस तरह के हालात है उसमें यह यात्री कैसे धामों तक पहुंच सकेंगे यह एक बड़ा सवाल है। सरकार ने धामों में एक दिन में सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं के पहुंचने की व्यवस्था को तो समाप्त कर दिया है लेकिन इन असीमित संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर उनके रहने खाने और आने—जाने की व्यवस्थाएं कैसे सुचारू रहेंगी? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। उसके ऊपर से बेमौसम बारिश और बर्फबारी की मार भी श्रद्धालुओं पर पड़ना तय है जो उनकी मुश्किलें बढ़ाता दिख रहा है।

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