अतिक्रमणः लाइलाज बीमारी

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राजधानी दून में बीते 2 दिनों से सड़कों के किनारों से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। दरअसल दून शहर की यातायात व्यवस्था को खराब करने में अतिक्रमण एक अहम कारण बना हुआ है जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा की जा रही संयुक्त कार्यवाही में अब यह कोशिश की जा रही है कि राजधानी की सभी प्रमुख सड़कों से किसी तरह से अतिक्रमण को हटाया जाए। सोमवार को चली कार्यवाही के दौरान शहर में 75 स्थानों पर यह अतिक्रमण हटाओ अभियान चला। 65 अतिक्रमणकारियों के चालान काटे गए जिनसे 38,800 रुपए जुर्माना भी वसूला गया जिन लोगों ने सड़कों के किनारे अनाधिकृत रूप से रेड़िया लगाई जा रही थी उन्हें हटाया गया तथा कई जगह कुछ कच्चे—पक्के अस्थाई अतिक्रमण पर बुलडोजर भी चलाया गया। वहीं मंगलवार चली कार्यवाही में 65 स्थानों पर कार्रवाई की गई जिसमें 103 लोगों के चालान कर 60,500 जुर्माना वसूला गया। दुकानों के बाहर सड़क पर सामान रखने वाले दुकानदारों को 10 हजार के चालान की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। साथ ही प्रशासन ने अतिक्रमण करने वालों से साफ कहा गया है कि अगर दोबारा अतिक्रमण किया गया तो दुगना जुर्माना होगा। लेकिन विडंबना यह है कि जिन क्षेत्रों में भी यह अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही हुई है वहां अगले ही दिन अतिक्रमण की वैसी ही स्थिति देखी जा रही है जैसी पहले थी। कुछ स्थानों पर हालात ऐसे भी देखे गए कि पुलिस व नगर निगम की टीमों के जाने के कुछ घंटों बाद ही फिर लोगों ने अपनी रेड़िया सजा दी। इन दिनों शहर के कई क्षेत्रों में सड़कों के चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने व पेड़ों के कटान का काम किया जा रहा है लेकिन सड़कें तो जब चौड़ी होगी तब होगी अतिक्रमणकारियों ने फिर से अपना कब्जा जमा लिया है। कहीं रेडिया लग चुकी है तो कहीं पार्किंग स्थल बना लिए गए हैं। खास बात यह है कि इस अतिक्रमण के कारण यातायात व्यवस्था बनाए रखने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अतिक्रमण की यह समस्या सिर्फ प्रमुख बाजारों तक सीमित नहीं है राजधानी की मुख्य सड़कों पर इस अतिक्रमण के कारण जो जाम की स्थितियंा जगह—जगह बनी हुई है वह स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी सबसे बड़ी मुसीबत बनी हुई है। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा नैनीताल जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था कि नैनीताल की सड़कों पर जो फूड वैन लगाई जा रही है वह किसकी अनुमति से लगाई जा रही है। दरअसल नैनीताल में सैकड़ों की संख्या में फूड वैन सड़कों पर लगाई जा रही है जिसके कारण यातायात बाधित हो रहा है। राज्य की राजधानी ही नहीं पूरे राज्य के शहर और कस्बों में हुए अतिक्रमण यातायात में बाधक बन रहे हैं। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए हर दो चार माह में कार्यवाही भी होती है लेकिन फिर हालात जस के तस हो जाते हैं। नगर निगम व नगरपालिका तथा पुलिस द्वारा इस अतिक्रमण को संरक्षण दिया जाता है इनसे अवैध वसूली की जाती है जिसका खामियाजा आम आदमी को भोगना पड़ता है। राजधानी दून में लाखों की संख्या में अवैध रेडिया कारोबार में लगी है। लेकिन इनकी कोई पुख्ता रोकथाम के उपाय कभी नहीं किए गये। जिसके कारण यह एक लाइलाज बीमारी बन चुकी है।

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