राम जी करेंगे बेड़ा पार

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बीते कल देश के गृह मंत्री अमित शाह धर्मनगरी हरिद्वार के दौरे पर आए हुए थे जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आज रामनवमी है हम सभी के लिए यह एक सुखद समाचार है कि अगली राम नवमी तक अयोध्या में भगवान राम का भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और राम लला अपने घर विराजमान होंगे। राम, हिंदू धर्मावलंबियों के लिए आस्था का वह प्रतीक है जिनके बारे में हर परेशान और समस्याओं से ग्रसित मन से यह आवाज उठती है कि ट्टतेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करें, हिंदुस्तान वासियों का वैसे भी हमेशा से दवा से अधिक भरोसा दुआ पर रहा है। लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने कल धर्म नगरी से जो राम का संदेश दिया वह किसी व्यक्ति या समाज को समस्या से उबारने के निःतार्थ नहीं था। राम मंदिर निर्माण भाजपा का सबसे प्रमुख राजनीतिक एजेंडा रहा है जिसके लिए संघर्ष का लंबा इतिहास इसका गवाह रहा है। भाजपा ने अपना राजनीतिक सफर इसी राम मंदिर मुद्दे से शुरू किया था जिसने उसे सत्ता शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। लगातार दो बार केंद्रीय सत्ता पर काबिज रहने वाली भाजपा के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव अब उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उसके सामने हैं। इस चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण का काम पूरा हो सके और जिसको अपनी उपलब्धि के तौर पर लेकर भाजपा जनता के बीच जा सके इसके लिए इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता था। कल गृहमंत्री ने अपना यह संदेश जिस स्थान से और मंच से दिया वहां देश के प्रमुख साधु—संतों की उपस्थिति थी। गृहमंत्री बखूबी जानते हैं कि उनका यह संदेश पूरे देश तक जाएगा। जब तक राम मंदिर निर्माण का यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था तब तक विपक्ष द्वारा सवाल उठाया जाता था कि ट्टमंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तिथि नहीं बताएंगे? अब वह समय आ गया है कि जब भाजपा विपक्ष को उसके सवाल का जवाब दे पाये? तब फिर भाजपा इस मौके को भुनाने से भला कैसे चुप रह सकती थी। एक समय में उन्होंने नारा दिया था कि ट्टराम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे’ और अब मंदिर भी बनकर तैयार होने वाला है भले ही अभी इस काम में 10—12 महीने का समय लगेगा लेकिन जिस तरह युद्धस्तर पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम चल रहा है उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि 2024 के चुनाव से पूर्व हर हाल में मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। यही कारण है कि भाजपा ने अभी से इस अहम चुनावी मुद्दे का प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। भाजपा के नेता इस बात को भी जानते हैं कि इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने का यह उनके पास आखिरी मौका है। राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद इस मुद्दे का भी पटाक्षेप हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण अकेला एक ऐसा धार्मिक भावनाओं और आस्था से जुड़ा मुद्दा नहीं है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर उत्तराखंड के केदारपुरी धाम के पुनर्निर्माण और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान जैसे अन्य तमाम मुद्दे हैं जो 2024 के चुनाव में भाजपा की उपलब्धियों की सूची में शामिल होंगे और इन्हें पूरा करने का लक्ष्य काफी समय पहले तय कर लिया गया है। खास बात यह है कि भाजपा का यह एजेंडा भले ही इसकी शुरुआत अयोध्या राम मंदिर से हुई लेकिन यह यही थमने वाला नहीं है। राम मंदिर की तैयारी के साथ ही ट्टअब मथुरा की बारी है, का नारा लंबे समय से लोग सुन रहे हैं। विपक्ष भी इस बात को जानता है कि भाजपा ने इसे एक राष्ट्रीय एजेंडा बना दिया है। यही कारण है कि वह भी अब इस पर नरम रवैया अपनाने पर विवश है। राम जी सब पर खैर करें और सब का बेड़ा पार करें।

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