धामी सरकार का एक साल

0
215


उत्तराखंड की पुस्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार पार्ट—2 ने आज अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है। चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने धामी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था जिसके पीछे युवा नेतृत्व एक बड़ी वजह रही थी लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री को अपने शासनकाल के पहले ही साल में युवाओं से जुड़ी ऐसी समस्याओं से जूझना पड़ा है जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। सूबे की सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्तियों में व्यापक स्तर पर हो रही धांधलियों के मुद्दे ने उन्हें सबसे अधिक विचलित किया है। भले ही उन्होंने शासन—प्रशासन के स्तर पर नकल माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन लिया हो लेकिन इन घोटालों में चयन आयोगों के उच्च अधिकारियों और भाजपा नेताओं की संलिप्तता ने उनके प्रयासों पर पानी फेरने में कोई कोर कसर उठाकर नहीं रखी। नकल माफिया पर कार्रवाई और सख्त नकल विरोधी कानून लाकर उन्होंने भले ही कुछ हद तक स्थिति को संभाल लिया हो लेकिन प्रदेश के युवाओं का विश्वास जीत पाना अभी भी उनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। 2024 के चुनाव के मद्देनजर वह अपना पूरा फोकस युवाओं व महिलाओं पर रखे हुए हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि यह चुनाव उनके लिए सबसे बड़ी परीक्षा साबित होने वाला है। उनकी सरकार द्वारा तमाम कानूनी दांव पेंचों के बीच भी राज्य की महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू करना उनके कार्यकाल की दूसरी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अभी उनके द्वारा 824 एएनएम को नियुक्ति देने की बात हो या फिर लखपति दीदी योजना लॉन्च करने की अथवा महिला स्वयंसेवी संगठनों को दी जाने वाली सुविधाओं की, जिनके जरिए धामी ने महिला मतदाताओं पर अच्छी पकड़ बना ली है। जहां तक कानून व्यवस्था और राज्य की विकास योजनाओं की बात है धामी की सरकार उस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी है। अंकिता भंडारी हत्याकांड इसका एक उदाहरण है। राज्य की बात तो छोड़ ही दीजिए अगर राजधानी दून की बात करें तो यहां स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्यों की खराब गुणवत्ता और समय से पिछड़ने के कारण आम आदमी सालों से दिक्कतें झेल रहा है। राज्य की सड़कों की हालात बेहद खराब है राज्य में जो विकास कार्य नजर आ रहे हैं वह सभी केंद्रीय परियोजनाओं के तहत होने वाले काम हैं। राज्य सरकार का इन कामों से कोई वास्ता नहीं है। 2025 तक मुख्यमंत्री अगर राज्य को सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट राज्य बनाने की बात कर रहे हैं तो केंद्र सरकार और मोदी के सहयोग के आधार पर ही कर रहे हैं। बजट में अभी जिस मिनी मेट्रो की चर्चा की गई है उसमें राज्य सरकार क्या करेगी यह जो रोपवे केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में बनाए जाने हैं उसमें राज्य सरकार की क्या भूमिका है। दून से दिल्ली तक जो एलिवेटेड रोड निर्माण हो रहा है उसमें धामी सरकार की क्या भूमिका है? राज्य में पलायन और पहाड़ों पर वीरान होते स्कूलों की स्थिति में सुधार के लिए धामी सरकार ने एक साल में क्या किया और स्थितियों में कितना सुधार हुआ सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है। भले ही सरकार अपने एक साल को नई मिसाल मानती हो लेकिन ऐसा क्या कुछ खास धामी सरकार ने किया है जो नई मिसाल माना जाए इसे भाजपा नेता ही बेहतर समझ सकते हैं। आम आदमी को कहीं भी ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here