सीबीआई व ईडी पर सवाल

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केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी प्रवर्तन निदेशालय इन दिनों अपने फुल एक्शन मोड में है। देशभर में तमाम भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर सीबीआई और ईडी की छापेमारी की खबरें सुर्खियों में है। बीते कल विपक्षी दलों के 8 नेताओं द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर सीबीआई और ईडी की कार्यवाही को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इन संस्थाओं का दुरुपयोग रोकने की मांग की गई है। पत्र लिखने वालों में अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, शरद पंवार, भगवंत मान, उद्धव ठाकरे और अखिलेश यादव आदि प्रमुख हैं। विपक्षी दलों की इस शिकायत पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सभी विपक्षी दल भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और वह एक दूसरे का बचाव करने के लिए एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस संदर्भ में दो अहम बातें हैं पहली है 2024 का चुनाव और इससे पूर्व सीबीआई और ईडी का यह एक्शन और दूसरी बात है कि क्या विपक्षी नेता और दल ही भ्रष्टाचारी हैं? अभी बीते दिनों दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई द्वारा शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पूर्व सीबीआई द्वारा उनसे कई दौर में लंबी पूछताछ की गई थी उनके यहां छापे भी मारे और बैंक लॉकर भी खंगाले गए मगर सीबीआई को कुछ हाथ नहीं लगा। उनकी गिरफ्तारी बिना ठोस सबूतों के की गई। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने एक व्यापक प्रदर्शन भी किया था। इससे पूर्व सीबीआई द्वारा दशकों पुराने मामले में राहुल गांधी से लंबी पूछताछ की गई थी तथा सोनिया गांधी से भी पूछताछ की जानी है जो अभी भी गतिमान है। शिवसेना के नेता संजय राउत भी चाल घोटाले को लेकर सीबीआई के रडार पर रह चुके हैं। लालू का परिवार तो न जाने कितने मामलों में फंसा हुआ है। जमीन के बदले नौकरी के मामले में राबड़ी देवी, लालू यादव, और निशा भारती की 15 मार्च को सीबीआई कोर्ट में पेशी है लेकिन उससे पहले ही आज पटना में राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई ने रेड की है। होली के ऐन मौके पर सीबीआई की इस रेड से समझा जा सकता है कि इसके पीछे मंशा क्या है। अभी जब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव हुए थे उससे पहले ममता के भतीजे पर सीबीआई की छापेमारी हुई थी। कुल मिलाकर सत्ताधारी भाजपा की नजर में पूरा विपक्ष ही भ्रष्टाचारियों का कुनबा माना जा रहा है और उसके खिलाफ ताबड़तोड़ होने वाली यह सीबीआई और ईडी की कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई है लेकिन विपक्षी नेताओं का कहना है कि क्या भाजपा में सभी दूध के धुले हुए हैं? आज अगर विपक्ष का कोई नेता भाजपा में शामिल हो जाता है तो वह ईमानदार हो जाता है और उसके खिलाफ कार्रवाई भी धीमी हो जाती है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि मनीष को आज भाजपा में शामिल हो जाने दो कल वह ईमानदार नेताओं में शुमार हो जाएंगे। आज वह आप के नेता है इसलिए भ्रष्टाचारी हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह नेता भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं है या है अगर है तो इन पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन 2024 के चुनाव से पूर्व विपक्षी एकता को छिन्न—भिन्न करने के लिए अगर सीबीआई और ईडी को हथियार बनाया जाता है तो यह इन केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग भी है और राजनीति से प्रेरित कार्रवाई भी, जो लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।

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