राजधानी दून को स्मार्ट सिटी बनाने का जो काम 2018 में शुरू हुआ वह 5 सालों में भी पूरा नहीं हो सका है। केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर जो विकास कार्य किए जा रहे हैं उनकी गति तो अत्यंत धीमी ही है, साथ ही इन कार्यों के नियोजित तरीके से न किए जाने से योजनागत व्यय और समय भी बढ़ता जा रहा है। काम की गुणवत्ता को लेकर जो सवाल उठते रहे हैं वह अलग हैं। इस बड़ी परियोजना के लिए होने वाले बड़े कामों से पूरा शहर अस्त व्यस्त हो रहा है और आम आदमी को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कल विधानसभा की प्राम्लन कमेटी स्मार्ट सिटी के कामों का निरीक्षण करने निकली तो जमीनी हालात देखकर वह हैरान दिखी। अभी बीते दिनों पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि जब बार—बार सीईओ बदले जाएंगे तो काम कैसे होगा। इस परियोजना की जिम्मेवारी डीएम संभाल रहे हैं। जिन्हें कई बार बदला गया। काम संतोषजनक न होने के कारण कई कार्यदाई संस्थाओं से काम छीन कर दूसरे विभागों या संस्थाओं को दिए जा चुके हैं। लेकिन नतीजा अभी भी ढाक के तीन पात ही है। शुरुआती दौर में दून स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में 100 में से 99 स्थान पर था बीच में काम में कुछ तेजी आई तो 2020 में उसकी रैकिंग में सुधार के साथ आठवें स्थान पर आ गई लेकिन अब 48वें स्थान पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई हिदायत के बाद अब राज्य सरकार के सामने यह चुनौती है कि 2024 के चुनाव से पहले स्मार्ट सिटी के सभी कामों को कैसे पूरा किया जाए। काम कैसे चल रहा है इसकी बानगी भी देखिए परेड ग्राउंड में बनने वाला एक स्टेज गलत बना दिया गया इसके निर्माण पर 35 लाख खर्च कर दिए गए अब इसे तोड़कर फिर बनाया जाएगा। शहर में स्मार्ट पोल लगाने का काम अभी सिर्फ 50 फीसदी ही पूरा हुआ है। जिसे जून 2023 तक पूरा करना है स्मार्ट रोड की तो बात ही मत पूछिए रोड पर डिवाइडर बनने के बाद अब जगह—जगह इनकी चौड़ाई मानकों से कम हो रही है इसलिए फुटपाथ तोड़कर अब इन सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है। ग्रीन बिल्डिंग बनाने का काम समय सीमा में होता नहीं दिख रहा है। मल्टी यूटिलिटी डक्ट, ड्रेनेज, वाटर सप्लाई और सीवरेज का काम 31 मार्च तक पूरे करने हैं लेकिन यह समय से पूरे होंगे ऐसी संभावनाएं दिखाई नहीं दे रही है। स्मार्ट सड़कों का काम कर रही कंपनी के हटने से काम अधर में है। अब पीडब्ल्यूडी सड़कों की लीपापोती करने में लगा है परेड ग्राउंड, ईसी रोड और आसपास के क्षेत्रों में सीवर लाइन से घरों को जोड़ने के लिए एक बार फिर तमाम सड़कों को खोदकर डाल दिया गया है जिसके कारण लोगों को आने—जाने में भारी दिक्कतें हो रही है। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि पूरे दून की सड़कों को इस योजना के तहत किए जाने वाले कामों के लिए पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है। सवाल यह है कि कब यह काम पूरे होंगे और कब इस शहर की हालत सुधरेगी। 2024 में अगर लोकसभा चुनाव न होते तो न जाने क्या हाल होता। अगर यह काम 2023 के अंत तक भी पूरे हो जाए बड़ी गनीमत समझिए।