आपदा राहत ऊंट के मुंह में जीरा

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9 दिन बाद पहुंची सरकार की राशन किट
मुट्ठी भर राशन देखकर भड़के पीड़ित लोग
आपदा पीड़ितों के साथ बताया भद्दा मजाक

जोशीमठ। जोशीमठ आपदा से बेघर हुए परिवारों की मदद के लिए सरकार द्वारा भेजी गई राशन किट में अपर्याप्त सामग्री देखकर पीड़ितों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि इस किट में जितना राशन भेजा गया है वह 2 दिन के गुजारे के लिए भी नाकाफी है। पीड़ितों का कहना है कि आपदा में फंसे लोगों के साथ सरकार का यह एक भद्दा मजाक है।
आपदा के कारण अब तक लगभग डेढ़ सौ परिवार अपना घर छोड़ चुके हैं। घर से बेघर हुए इन लोगों के पास सरकार द्वारा पहली बार 9 दिन बाद राशन मुहैया कराया गया। लेकिन इस राशन किट में 1 लीटर तेल, 2 किलो चावल, 5 किलो आटा तथा 2 किलो दाल और कुछ मसाले के पैकेट व नमक को देखकर उनके आंसू झलक आए। उनका कहना है कि इस राशन से वह कितने दिन जिंदा रह सकते हैं। उनके पास अब खाना पकाने का कोई साधन नहीं है ऐसे में वह इस राशन का क्या करेंगे उनका कहना है कि एक परिवार में 5 सदस्य हैं। उनके लिए क्या यह राशन 2 दिन के लिए काफी होगा।
उनका कहना है कि सरकार उनके साथ इस आपदा के समय में भी जिस तरह का भद्दा मजाक कर रही है वह जले पर नमक छिड़कने जैसा है। कई लोगों का तो यह भी कहना है कि अगर उनकी किस्मत में भूखा मरना ही है तो मर जाएंगे उन्हें सरकार की ऐसी मदद की कोई जरूरत नहीं है। इस राशन किट को देखकर अधिकांश पीड़ितों में सरकार के प्रति गुस्सा दिखा। उनका कहना है कि उनके रहने की व्यवस्था भी ठीक नहीं हो पा रही है। परिवार के 5—5, 6—6 लोगों को सामान के साथ एक कमरे में ठूस दिया गया है न सोने की जगह न खाना बनाने की न खाने के लिए जगह है।

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