त्रिवेंद्र रावत के सपने हुए चूर—चूर, भाजपा ने किया किनारा
देहरादून। उत्तराखंड से राज्यसभा के लिए भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी डॉ. कल्पना सैनी ने आज अपना नामांकन पत्र भर लिया है। उनके नामांकन पत्र भरने के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व डॉक्टर निशंक सहित अनेक नेता मौजूद रहे।
उत्तराखंड से राज्यसभा की एकमात्र सीट से डॉ कल्पना सैनी के नामांकन पत्र भरने के साथ ही उनका राज्यसभा पहुंचना तय हो गया है। क्योंकि राज्य विधानसभा में भाजपा के पास प्रचंड बहुमत है और उनकी जीत को कोई चुनौती मिलने वाली नहीं है। डॉ कल्पना सैनी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रही है। हांलाकि इस सीट के उम्मीदवारों की सूची में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत व सीएम धामी के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी सहित कई लोगों के नाम थे लेकिन भाजपा ने ओबीसी वर्ग की डॉ कल्पना सैनी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। डा. कल्पना राज्यसभा का टिकट पाकर खुश है लेकिन उत्तराखंड भाजपा का एक खेमा इस चयन से नाखुश भी है।
मुख्यमंत्री धामी भले ही डॉ कल्पना सैनी को राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर इसे महिला सशक्तिकरण बता रहे हो और रितु खंडूरी को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की बात कहकर यह समझा रहे हो कि भाजपा हमेशा महिलाओं का सम्मान करने वाली पार्टी रही है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डा. कल्पना को प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा है कि यह कल्पना से परे है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के बाद से ही राजनीति के हाशिए पर है। भाजपा में अपनी उपेक्षा से उनका आहत होना स्वाभाविक ही है। चार साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भाजपा ने उन्हें अपने कार्यकाल की चौथी वर्षगांठ का उत्सव तक मनाने का मौका नहीं दिया था। इसके बाद चुनाव में भी उन्हें अलग—थलग ही रखा गया। उन्हें टिकट न देने की चर्चा के कारण उन्होंने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था अब सोचा जा रहा था कि भाजपा उन्हें शायद राज्यसभा भेज दे लेकिन यह भी नहीं हो सका। ऐसा लगता है कि उन्हें लेकर भाजपा हाईकमान की गहरी नाराजगी है और वह उन्हें अब मार्गदर्शक मंडल तक सीमित रखना चाहती है।