देर आए, दुरुस्त आए

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कोरोना के कारण 2 सालों से बंद पड़ी चारधाम यात्रा के कारण राज्य सरकार और व्यापारियों तथा तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। लंबे समय से न्यायालय और सरकारी नीतियों के पेंच में दबी फंसी चार धाम यात्रा कल हाई कोर्ट द्वारा हटाए गए प्रतिबंधों और सरकार द्वारा एसओपी में किए गए सरलीकरण के साथ सुचारू रूप से निबार्ध यात्रा जारी रह सकेगी। निश्चित तौर पर यह पर्यटन व्यवसाय से जुड़े उन लोगों के लिए खुशी की बात है जिनकी आजीविका का आधार यह चार धाम यात्रा ही है। राज्य का होटल व्यवसाय हो या फिर टैक्सी—मैक्सी कारोबार चार धाम यात्रा मार्गों पर बने छोटे—छोटे ढाबे हो या जलपान की दुकानें, पंडा हो या पुजारी इस चार धाम यात्रा सीजन पर ही प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका निर्भर है। कोरोना के कारण 2020 और 2021 का लगभग पूरा सीजन ही चौपट हो गया है। और अब चार धाम यात्रा सीजन में सिर्फ 40 दिन का समय ही शेष बचा है लेकिन अदालत द्वारा यात्रियों की सीमा पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने और ई—पास की सरकार द्वारा अनिवार्यता समाप्त किए जाने पर लोगों में हर्ष की लहर है और उन्हें इस बात की आशा बनी है कि इन 40 दिनों में उनकी थोड़ी बहुत कमाई तो हो सकेगी यही कारण है कि कल अदालत का आदेश आते ही लोग जश्न मनाने लगे। सच यह है कि चार धाम यात्रा और भी पहले शुरू हो सकती थी लेकिन सूबे की सरकार नेतृत्व परिवर्तन और चुनावी तैयारियों में उलझी रही वहीं अदालत में उसके द्वारा ठीक से पैरवी भी नहीं की गई। महाकुंभ मेले में सरकार की लापरवाहियों का असर चार धाम यात्रा पर पड़ा। महाकुंभ मैं अगर कोरोना विस्फोट न हुआ होता और टेस्टिंग में फर्जीवाड़ा नहीं होता तो निश्चित तौर पर यह यात्रा एक माह पहले ही शुरू हो गई होती। सच यह भी है कि सरकार इस यात्रा को शुरू कराने को लेकर उदासीन बनी हुई थी इसलिए उसने इसकी पूर्व तैयारियां भी नहीं की थी। लेकिन तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों के धरने प्रदर्शनों तथा विपक्ष के दबाव के कारण उसे चार धाम यात्रा शुरु करानी ही पड़ गई। अब असीमित संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर जा सकते हैं उन्हें सिर्फ कोरोना जांच रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के अलावा अपना आधार कार्ड लाना होगा और स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। बाकी कुछ करने की जरूरत नहीं होगी सिवाय यात्रा के दौरान कोरोना के नियमों का पालन करने के। यात्रा के शुरू होने पर अब सरकार की जिम्मेवारी भी बढ़ गई है। सबसे बड़ा सवाल यात्रियों की सुरक्षा का है क्योंकि चारों धामों में तथा यात्रा मार्गों पर न तो बेहतर चिकित्सा सुविधाएं हैं और न राज्य की सड़कें ठीक—ठाक है। देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर कितना ध्यान दे पाती है हालांकि हाईकोर्ट ने भी इस बाबत राज्य सरकार को हिदायत दी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब चार धाम यात्रा के मार्ग में कोई रुकावट न आए और वह सुचारु रुप से चलती रहे।

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