देहरादून। भाजपा के अंदर मचे घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि धन और पद के लालच में दल बदलने वाले राजनीतिक अपराधी हैं। उनका कहना है कि जिस दल के नेता दल बदलते हैं वह दल सिर्फ एक बार रोता है लेकिन वह जिस दिल में जाते हैं वह दल बार बार रोता है।
भाजपा में इन दिनों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं के साथ हो रही तकरार पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है की दल बदल के 3 बड़े कारण होते हैं। वैचारिक, पारिवारिक और आर्थिक। उन्होंने कहा कि धन और पद के लालच में जो नेता दलबदल करते हैं वह राजनीतिक अपराधी हैं। ऐसे नेता सिर्फ अपने हितों के लिए राजनीति करते हैं वह न जनता का कुछ भला कर सकते हैं और न उस दल का जिसमें वह रहते हैं। ऐसे लोगों से सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
हरीश रावत ने कहा कि पद और धन के लालच में दल बदलने वाले किसी भी दल को एक बार ही नुकसान पहुंचा सकते हैं। वह जिस दल को छोड़ कर जाते हैं उस दल को तो सिर्फ एक बार रोना पड़ता है लेकिन जिस दल का हिस्सा बनते हैं उन्हें बार—बार रोना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के नौ मंत्री व विधायकों ने एक साथ कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था जिससे हरीश रावत व कांग्रेस सरकार को तगड़ा झटका लगा था। हालांकि राजनीति के कुशल खिलाड़ी हरीश रावत अपनी सरकार बचाने में उस समय सफल हो गए थे लेकिन इस विभाजन की हरीश रावत व कांग्रेस को 2017 के चुनाव में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। भाजपा की वर्तमान अंदरूनी हार के बीच इस बात की चर्चाएं आम है कि यह पूर्व कांग्रेसी नेता फिर कांग्रेस में आ सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस बारे में अपना रुख साफ करते हुए कहा की 2016 की बगावत के सूत्रधार और फ्रंट फुट पर रहने वाले नेताओं को कांग्रेस में वापस नहीं आने दिया जाएगा जबकि उनका कहना है कि उनके पीछे पीछे जो गए थे उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे अभी भी खुले हुए हैं। उनका इशारा किस और था यह राजनीतिक लोग ही समझ सकते हैं।