डांडा जलालपुर में घर की दीवार पर लिखा घर बिकाऊ है
प्रशासन ने पेंट पोत कर मिटवाया
रुड़की/भगवानपुर। हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर हुए पथराव की घटना के बाद भले ही हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा स्थिति को सामान्य बनाने या काबू रखने में कोई कोर कसर उठाकर नहीं रखी गई हो लेकिन इस घटना के बाद जिस तरह की क्रिया—प्रतिक्रियाएं हुई उन्हें लेकर आम आदमी के मन में अभी भी असुरक्षा का माहौल बरकरार है। इसी असुरक्षा की भावना से डरे हुए कुछ लोग अब डांडा जलालपुर में रहना नहीं चाहते हैं और वह यहां से पलायन का मन बना चुके हैं। उन्होंने अपने घरों की दीवारों पर लिख दिया है कि घर बिकाऊ है।
इस घटना की जानकारी जब जिला प्रशासन को मिली तो सरकारी अमला भी हरकत में आया। एसडीएम ने तहसीलदार को मौके पर मुआइना करने भेजा तो इसे सत्य पाया। अधिकारियों ने उन लोगों से संपर्क किया जिन्होंने अपने घरों पर घर बिकाऊ है लिखा था। इसके बाद समझा—बुझाकर इन लोगों को इस बात के लिए सहमत कर लिया गया कि वह इसे मिटाने दे। प्रशासन द्वारा अब इन दीवारों पर लिखे को लाल पेंट से पोत दिया गया है। इस बाबत एसडीएम हरिद्वार का कहना है कि ऐसा उनके संज्ञान में आया था जिसके बाद तहसीलदार को भेजकर इसे मिटवा दिया गया है तथा सब कुछ सामान्य है।
खास बात यह है कि प्रशासन ने भले ही दीवारों पर जो लिखा था उसे मिटवा दिया हो लेकिन इन घरों के मालिकों का कहना है कि पहले यहां सभी मिलजुल कर रहते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसलिए वह अपने परिवारों को यहां सुरक्षित नहीं मानते हैं और अपना घर मकान बेचकर कहीं और चले जाना चाहते हैं। उनका अभी भी यही कहना है कि वह अब यहां नहीं रहेंगे जबकि प्रशासन सब कुछ ठीक—ठाक होने की बात कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कई लोग घायल हो गए थे। इसके विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया गया था। कई गिरफ्तारियां भी हुई थी जिसके बाद प्रशासन ने यहां हिंदू महासभा की पंचायत पर रोक लगा दी थी लेकिन इस घटना की गूंज व प्रतिक्रिया पूरे राज्य में हुई थी अब एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पलायन की बात सामने आने से इसमें एक और नई कड़ी जुड़ गई है।