सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण जरूरीः धनखड़

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  • हरिद्वार में वेद विज्ञान संस्कृति महाकुंभ का आगाज
  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया उद्घाटन
  • हर भारतीय को अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिएः धामी

हरिद्वार। हरिद्वार में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय वेद विज्ञान संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ आज उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी देश और समाज द्वारा यदि अपनी सांस्कृतिक धरोहरों की हिफाजत नहीं की जाती है तो उसकी संस्कृति और सभ्यता समय के साथ विलुप्त होने लगती है। इसलिए हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर सतत प्रयास करते रहने चाहिए। जिससे देश की भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति को समझ सके।
धर्मनगरी में आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं उनका कहना है कि हमारे देश का इतिहास इन सांस्कृतिक धरोहरों के अभाव में अपूर्ण ही होगा इसलिए इनका संरक्षण जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि अब इसे लेकर जन जागरूकता बढ़ी है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हरिद्वार पहुंचे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में बड़े—बड़े बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिन पंच प्रण की बात कही गई थी उसमें एक प्रण विरासत पर गर्व भी था। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होना चाहिए और यह गर्व होगा तभी हम अपनी इन विरासत के संरक्षण के प्रति सतर्क बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पराधीनता की मानसिकता व उसकी स्मृतियों को हटाने और अपनी सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय उत्थान का समय है और आज देश भर में हर क्षेत्र में देश उत्थान की ओर अग्रसर है अपनी सांस्कृतिक विरासत को सजाने संवारने और उन पर गर्व करने का काम हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर उसके प्रचार—प्रसार का काम भी जारी है। धामी ने कहा कि हमारी सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का विकास हमें एक भारत—श्रेष्ठ भारत बनाने में सबसे अधिक सहायक सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की इस यात्रा में हमें कई कठोर फैसले भी लेने पड़ रहे हैं लेकिन हम अब कठिन से कठिन फैसला करने में भी हिचकते नहीं है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में कई राज्यों के राज्यपालों सहित कई केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेने वाले हैं।

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