धामों में एनडीआरएफ व आईटीबीपी तैनात होगी
सेना के डॉक्टरों की सेवाएं लेने को भी कहा
थम नहीं रहा है धामों में मौतों का सिलसिला
देहरादून। चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं में धामी सरकार की बड़ी विफलताओं पर केंद्र सरकार का आज बड़ा एक्शन सामने आया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती मौतों से नाराज केंद्र सरकार ने अब चारों धामों में आईटीबीपी और एनडीआरएफ की तैनाती के निर्देश जारी कर दिए हैं, साथ ही जरूरत पड़ने पर सेना के डॉक्टरों से भी मदद लेने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि यात्रा के शुरुआती दिनों में ही 20 श्रद्धालुओं की मौत के मामले में पीएमओ द्वारा राज्य से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी। केंद्र सरकार के एक्शन में आने के बाद भी श्रद्धालुओं की मौतों का सिलसिला जारी रहने से नाराज केंद्र सरकार ने अब सभी चारों धामों में आईटीबीपी और एनडीआरएफ की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि बीते कल केदारनाथ धाम में पांच तथा बद्रीनाथ धाम में एक और श्रद्धालु की मौत की खबर आई थी जिसके बाद अब तक धामों में मौतों की संख्या 26 हो चुकी है जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 मौतों की पुष्टि की गई है। इनमें से अधिकांश मौतें हृदय गति रुकने और ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है। चारों धामों में यात्रियों की हो रही लगातार मौतों से राज्य सरकार के उन दावों की पोल खुल चुकी है जिसमें सभी सुविधाएं दुरुस्त होने और चारधाम यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न होने की बात कही जाती रही है।
केंद्र सरकार द्वारा सभी धामों में आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों तथा सेना के डॉक्टरों की व्यवस्था किसी आपदा काल में ही की जाती है। यह पहला मर्तबा है जब चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए केंद्र सरकार को एनडीआरएफ और आईटीबीपी की सेवाएं लेनी पड़ रही है। यह कोई सामान्य बात नहीं है इसे केंद्र सरकार भी राज्य सरकार का बड़ा फेलियोर मान रही है। केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर संज्ञान लेने के बाद हालांकि राज्य सरकार भी हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री ने अपने दो मंत्रियों धन सिंह रावत व सुबोध उनियाल को केदार और बद्रीनाथ धाम की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन यह मंत्री जो अब तक व्यवस्थाओं को ठीक नहीं कर पाए हैं आगे भी क्या कर पाएंगे? यह अहम सवाल है।
सरकार के ढुलमुल रवैया के हालात यह है कि यात्रा शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रियों के लिए बीते कल एडवाइजरी जारी की जाती है। मुख्यमंत्री 20 मौतों के बाद यात्रियों की संख्या निर्धारित करने का फैसला लेते हैं। भले ही स्वास्थ्य मंत्री धामों में 64 एंबुलेंस 53 स्वास्थ्य सेवा 108 की गाड़ियों व एयर एंबुलेंस तथा 150 डॉक्टरों की टीम होने की बात कर रहे हो लेकिन अगर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर है तो फिर क्यों जा रही है यात्रियों की जान? यह सच है कि सरकारी दावों में कोई दम नहीं है।
पर्यटन मंत्री दुबई की सैर पर
देहरादून। यह हैरान करने वाली बात ही है कि राज्य में जब चार धाम यात्रा का शुभारंभ चल रहा है तब पर्यटन मंत्री दुबई की सैर करने गए हुए हैं और वहीं से सुगम और सुरक्षित चार धाम यात्रा बनाने के दिशा निर्देश दे रहे हैं। राज्य को पर्यटन राज्य बनाने का दावा और पनडुब्बी से पुरानी टिहरी के दर्शन कराने व राज्य की नदियों में वाटर प्लेन उतारने की बात करने वाले पर्यटन मंत्री ऐसे समय में जब चार धाम यात्री तमाम परेशानियां झेल कर अपनी जान गवंा रहे हैं वह बीते 5 दिनों से दुबई की सैर में मस्त और व्यस्त हैं।