बीआरएस नेता के. कविता को शराब घोटाला केस में मिली जमानत

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नई दिल्ली। कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। कोर्ट ने मामले में की जा रही जांच को लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की खिंचाई की। के कविता तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर की बेटी हैं। उन्हें ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने बीआरएस नेता को 11 अप्रैल को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। कविता अपने ऊपर सभी आरोपों से इनकार करती आई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि के कविता को 10-10 लाख के दो बेल बॉन्ड जमा कराने होंगे। कोर्ट ने कविता को पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है। साथ ही जमानत के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ नही करेंगी। गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में गवाही हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई-ईडी की ओर से पेश हुए वकील एएसजी एसवी राजू से कहा कि हम केंद्रीय एजेंसी के कंडक्ट के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। कविता के खिलाफ हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी उचित नहीं है। इसको लेकर एएसजी ने कहा कि अगर आपको यह आभास हुआ तो मुझे खेद है। मैंने कुछ भी अप्रासंगिक नहीं पढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी भी आरोपी के मामले में पिक एंड चूज कर नहीं सकते। अगर हम अनुमोदकों के बयान लें तो उनकी भूमिका भी कविता जितनी ही है। अभियोजन निष्पक्ष होना चाहिए, आप किसी को चुन नहीं सकते. यह निष्पक्षता क्या है? कोई है जो साक्षी रहते हुए स्वयं को दोषी ठहराता है?

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