अमेरिकी सैनिकों की शहादत का बदला लेने का ऐलान, चुन—चुन कर मारेंगे
नई दिल्ली। अमेरिका जो 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपना बोरिया बिस्तर समेटने का ऐलान कर चुका था बीते कल काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले के बाद अब अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर हो गया है। और वह बहुत जल्दी व आसानी से अफगानिस्तान से अपना डेरा हटाने नहीं जा रहा है।
इस आतंकी हमले में अपने 13 कमांडो की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात की साफ शब्दों में घोषणा कर दी है कि हम इस घटना को न भूलेंगे और न भूलने देंगे। उनका कहना है कि हमलावरों को कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी हम उन्हें ढूंढ—ढूंढ कर और चुन—चुन कर मारेंगे। हम इसका बदला जरूर लेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अब यह भी साफ कर दिया है कि उनके सैनिक अभी अफगानिस्तान से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की हर हाल में सुरक्षा की जाएगी।
काबुल में हुए सीरियल बम विस्फोट के बाद रातों—रात परिदृश्य बदल चुका है। अपनी सेनाओं की वापसी को लेकर पहले से ही आलोचना का शिकार जो बाइडन और अमेरिकी प्रशासन अब इस हमले से इस कदर तिलमिलाया हुआ है जैसे किसी ने जले पर नमक छिड़क दिया हो और यह होना अति स्वाभाविक इसलिए भी है क्योंकि 20 साल से अफगानिस्तान में उसकी सैन्य मौजूदगी में ऐसा कभी नहीं हुआ जब उसे अपने 13 कमांडो की जान गवानी पड़ी हो। यह अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है।
भले ही इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस खोरान गुट द्वारा ली गई हो लेकिन आतंकी संगठन भले ही कोई भी रहा हो तथा उनका नेटवर्क किसी भी देश में रहा हो अमेरिका ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह इसका बदला जरूर लेगा और कब और कहां लेगा इसका समय और स्थान भी वह खुद ही तय करेगा। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि अमेरिका ने जो ठान लिया है वह उसे करके ही रहेगा और इसके लिए उसकी अब अफगानिस्तान में मौजूदगी भी जरूरी हो गई है। इसलिए अब अमेरिका बहुत जल्द अफगानिस्तान को नहीं छोड़ने वाला है।