देहरादून। एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर वाहनों का बीमा कराने वाली कम्पनियोंं के पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठा कर फर्जी बीमा कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों केे कब्जे से एसटीएफ ने ठगी में इस्तेमाल लैपटाप, मोबाइल व फर्जी दस्तावेज भी बरामद किये है।
एसटीएफ उत्तराखण्ड को पिछले कुछ समय से सूचनाएं मिल रही थी कि देहरादून में चार पहिया व कमर्शियल वाहन के बीमा वास्तविक कीमत से बहुत ही कम रेट पर हो रहे है और जिसको आनॅलाईन आरटीओ की वेबसाईट या किसी भी पोर्टल पर चैक करने पर वह बीमा सही (वैलिड) प्रदर्शित होता है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा जांच के बाद आरटीओ कार्यालय के बाहर से प्रदीप गुप्ता पुत्र स्व. सन्तराम निवासी इन्दिरा कालोनी, मसॅूर हसन पुत्र मजूंर अहमद निवासी ब्रहमपुरी निरंजनपुर, महमूद पुत्र मुस्ताक निवासी रक्षा विहार, निकट आँचल डेरी, रायपुर रोड व नीरज कुमार गुप्ता पुत्र जानेश्वर गुप्ता निवासी अनादित्य विहार कालोनी, सहारनपुर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि वर्ष 2018 व इसके बाद कोविड के दौरान सभी कम्पनियों द्वारा आन लाईन इन्श्योरेंस की सुविधा देनी शुरू कर दी थी जिसमें पे—टीएम, फोन—पे एवं पोलिसी बाजार द्वारा आनॅ लाईन बीमा कराने के एड देने शुरू कर दिये गये।
ठगी करने वाले व्यक्तियो द्वारा नामी एजेन्सियों का एजेन्ट बनकर अपनें रजिस्ट्रेशन नम्बर के माध्यम से बीमा करते है। बीमा कराने के दौरान चार पहिया वाहन का नम्बर वास्तविक दिया जाता है परन्तु पेमेन्ट की कैलकुलेशन के समय दो पहिया वाहनों का चयन कर उसका बीमा दो पहिया वाहन का किया जाता है। जिसका डाटा बीमा कराने वाली कम्पनी के डाटाबेस में चार पहिया का अकिंत होता है परन्तु पेमेन्ट दो पहिया वाहन का जमा होता है। जिससे बीमा के समय दी जाने वाली जीएसटी 18 प्रतिशत जहॅा चार पहिया वाहन की 20,000 पर दी जानी थी वहीं दो पहियां वाहन की मात्र 500 रूपये की जमा होती है। यह विवरण आरटीओ की वेबसाईट पर मात्र बीमा होना प्रदर्षित करता है आरोपियों द्वारा उसका प्रिन्ट निकाल कर लैपटाप में फोटोशॉप के माध्यम से एडिट करके चार पहिया वाहन व धनराशि को बढा देता है तथा जिसको वह अपने कस्टमर को देता है। वाहन स्वामी के द्वारा आरटीओ में चैक कराने पर वाहन का रजिस्ट्रेषन नम्बर और केवल इन्शुरन्स की वैलिडिटी तिथि प्रदर्षित होती है जिससे ग्राहक को वह असली लगता है।
देशभर के आरटीओ के समस्त कार्य जैसे फिटनेस, वाहन ट्रान्सफर, एनओसी, आईएनडी प्लेट, रजिस्ट्रेशन आदि में बीमा होना आवश्यक होता है जिसे आरटीओ कार्यालय द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज , गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के पोर्टल पर चैक करने पर वह वाहन का केवल रजिस्ट्रेशन नम्बर व बीमे की वैलिडिटी दिनॉक को पारदर्शित करता है जिसे आरटीओ कार्यालय द्वारा पास कर दिया जाता है।
एसटीएफ को पता चला कि देश भर में इसी प्रकार सें कुछ एजेन्टो द्वारा फर्जी बीमा किया जा रहा है, जिससे वाहन स्वामी द्वारा भी कम पैसे के लालच में इस प्रकार का बीमा सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया जाता है। एसटीएफ द्वारा किये गये इस फर्जी बीमा खुलासे में विगत एक माह से एसटीएफ टीम गोपनीय रूप से छानबीन कर रही थी। जिसके बाद इन चार लोगों को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के कब्जे से एसटीएफ ने एक लैपटॉप, मोबाइल व फर्जी बीमे से संबंधित दस्तावेज बरामद किये है।