May 20, 2024उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के आखिरी पड़ाव जानकीचटृी में आज करंट लगने से एक घोड़े की मौत हो गई। घोड़ा—खच्चर संचालकों ने उर्जा निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। साथ ही घोड़े के मालिक के लिए मुआवजे की भी मांग की।घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने आश्वासन दिया कि उचित कार्रवाई कर प्रभावित पक्ष को मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। जिसके बाद मामला शांत हुआ। बताया जा रहा है कि जहां घोड़े खच्चर खड़े होते हैं वहां पर खंभे में करंट आ रहा था। एक घोड़ा खंभे के पास ही खड़ा था और वह उसकी चपेट में आ गया। गनीमत रही कि भीड़भाड़ वाले इस क्षेत्र में कोई और जानवर या श्रद्धालु करंट की चपेट में नहीं आएं।
May 20, 2024देहरादून। जीप के खाई में गिरने से कैफे संचालक सहित दो लोगो की मौत हो गयी जबकि तीन गम्भीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रातः राजपुर थाना पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि शिखर फाल पर एक गाडी खाई में गिर गयी है। सूचना मिलते ही राजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि एक गाडी सडक के नीचे गहरी खाई में गिरी हुई थी। पुलिस ने एसडीआरएफ के साथ राहत व बचाव कार्य प्रारम्भ किया। पुलिस ने एसडीआरएफ व स्थानीय लोगों की मदद से खाई में गिरे हुए व्यक्तियों को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी थी। जबकि तीन को पुलिस ने रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया। घायल व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि उक्त थार गाडी में वे पांच लोग घूमने के लिए शिखर पर आये थे। जब वह शिखर फॉल से वापस घर जा रहे थे तभी जीप के ब्रेक फैल हो गये और वह नीचे खाई में गिर गयी। पुलिस के अनुसार मृतको की पहचान आयुष शर्मा पुत्र दिनेश दत्त शर्मा निवासी तेग बहादुर रोड डालनवाला वह मर्चेट नेवी मे कार्यरत था तथा अवनी कुकरेती पुत्री आशीष कुकरेती निवासी कौलागढ मसूरी में र्कैफे का संचालन करती थी। वहीं घायलों के नाम सागर नरूला पुत्र गुलशन नरूला निवासी फतेह नगर दिल्ली, युवराज बिष्ट पुत्र केओ बिष्ट निवासी कालीदास रोड व ईशा पुत्री राकेश चंद्र निवासी गढवाली मार्ग धर्मपुर के रूप में हुई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
May 20, 2024इंफाल। मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में झारखंड के तीन मजदूरों को गोली मारी गई है, जिसमें से एक की मौत हो गई है। वारदात का शिकार हुए दो शख्स गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना 19 मई की बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक इम्फाल पश्चिम जिले के लाम्फेल पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नाओरेम-थोंग खुमानथेम तकयेल कोंगबल में नामबुल नदी तट के पास एक अज्ञात व्यक्ति (41) को गोली मार दी गई, घटना में शख्स की मौत हो गई है। इस वारदात में दो शख्स घायल हो गए हैं। घटना रविवार रात करीब 7।30 बजे की बताई जा रही है। मृतक की पहचान झारखंड निवासी श्रीराम हंगसदा के रूप में हुई है। दो घायल व्यक्ति, 22 वर्षीय बिट्टू मुर्मू और 50 वर्षीय मितालाल सोरन भी झारखंड के रहने वाले हैं। तीनों पीड़ित कीस्टोन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में मजदूर के रूप में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि घटना की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। पुलिस के मुताबिक लाम्फेल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। अपराधी को पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। हमले के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है, और पुलिस जनता से ऐसी जानकारी देने की अपील कर रही है, जो जांच में सहायता कर सके।
May 20, 2024हादसे में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राईसी की मौत नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर रविवार को अजरबैजान के इलाके में क्रैश हो गया था। ईरानी मीडिया ने दावा किया है, कि ईरान के राष्ट्रपति के दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर तक अधिकारी पहुंच गये हैं और इस हादसे में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राईसी की मौत हो गई है। ईरानी सरकारी टीवी ने पहले कहा था, कि हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है, लेकिन किसी ‘जिंदगी के कोई निशान नहीं मिले हैं।’ वहीं, अब ताजा रिपोर्ट में उनकी मौत की बात कही गई है। ईरानी रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रमुख पीर होसैन कोलिवांड ने कहा है, कि बचाव दल हेलीकॉप्टर तक पहुंच गया है। रेड क्रिसेंट ने भी अपने पहले बयान में कहा था, कि उसे दुर्घटनास्थल पर “हेलीकॉप्टर में सवार लोगों के जीवित होने का कोई निशान नहीं” मिला है, ईरानी राष्ट्रपति राईसी और उनके साथ आए अधिकारियों के मारे जाने की आशंका है।आपको बता दें, कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राईसी, देश के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार को ईरान के उत्तर-पश्चिमी पहाड़ी इलाकों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वे 12 घंटे से अधिक ज्यादा समय से लापता हैं। अब रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि हादसे में ईरानी राष्ट्रपति की मौत हो चुकी है।इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अलावा ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम का भी निधन हो गया है। ये सभी लोग एक हेलिकॉप्टर में सवार थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इब्राहिम रईसी के निधन पर दुख जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं।” पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ”भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।”
May 19, 2024देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बढ़ती गर्मी के दृष्टिगत विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने हेतु सचिव ऊर्जा और प्रबंध निदेशक—यूपीसीएल को निर्देशित किया है कि वर्तमान में गर्मी बढ़ जाने की वजह से विघुत माँग की आपूर्ति बढ़ना स्वाभाविक है। अतः विद्युतआपूर्ति की व्यवस्था लगातार बनाए रखने हेतु आवश्यक उपाय तत्काल किए जाएँ। विद्युत आपूर्ति में व्यवधान से पेयजल आपूर्ति भी बाधित होती है और जनता को भी परेशानी होती है, इसलिए विद्युत की अबाध आपूर्ति बनाये रखा जाना आवश्यक है।मुख्यमंत्री ने सचिव पेयजल को भी सभी आवश्यक उपायों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति बनाये रखने हेतु निर्देश दिये। जहां भी पेयजल आपूर्ति में कोई समस्या आ रही है वहाँ पर यथा आवश्यकता सभी प्रकार के विकल्पों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।ज्ञातव्य है कि राज्य में चारधाम यात्रा भी चल रही है और गर्मी के बढ़ने के स्वरूप विद्युत और पेयजल की माँग बढ़ गई है। व्यवस्थाओं को ठीक बनाए रखने के उद्देश्य मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा सहित सभी व्यवस्थाओं को ठीक रखने के उद्देश्य से सतत निगरानी बनाई हुई है। विगत दिवस में लगातार समीक्षा बैठकों के साथ यमुनोत्री यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं को स्थलीय निरीक्षण भी किया था।
May 19, 2024देहरादून। दून घाटी के 15 लाख निवासियों और पर्यावरण को बचाने हेतु सरकार को दून घाटी अधिसूचना 1989 निष्क्रिय करने का निर्णय वापिस लेना ही होगा, नहीं तो कांग्रेस एक बड़ा जनान्दोलन खड़ा करने पर मजबूर होगी।यह बात आज कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर द्वारा कही गयी। उन्होने कहा कि दून घाटी की अधिसूचना 1989 को उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा निष्क्रिय करनें हेतु जो भारत सरकार द्वारा शासनादेश 21 दिसंबर 2023 को निकाला गया है, उसे सरकार को वापस लेना होगा।विदित हो कि दून घाटी अधिसूचना 1989 में 1 फरवरी 1989 को दून घाटी क्षेत्र को पर्यावरण मुक्त व अन्य पर्यावरण के विषय पर संवेदनशील होने के कारण लाइम स्टोन माइनिंग और एयर क्वालिटी इन्डैक्स के सुधार हेतु सुप्रीम कोर्ट के 30 अगस्त 1988 के निर्देशानुसार दून घाटी का प्रावधान किया गया था। जिससे देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्र मसूरी, सहसपुर, डोईवाला, ऋषिकेश, विकासनगर, और इनके आस पास के इलाकों को बचाया जा सके।थापर ने कहा कि किंतु राज्य सरकार के प्रस्ताव पर पर्यावरण वन व जल वायु मंत्रालय द्वारा 21.12.2023 को दून घाटी अधिसूचना 1989 निष्क्रिय करने हेतु शासनादेश जारी किया गया जिस पर राज्य सरकार को दून घाटी में जो बैन थे, भारी औघोगिक गतिविधि जो उनको संचालित करने का अधिकार भी दिया गया जैसे स्लॉटर हाउस, क्रशर माइनिंग और अन्य औघोगिक गतिविधि हेतु। उल्लेखनीय है की राज्य की डबल इंजन सरकार ने पुनः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश से उल्टा यह कार्य दून घाटी अधिसूचना हटाने का काम किया है क्योंकि भारत सरकार द्वारा 2019 में नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम शुरू किया गया जिसमे भारत के 131 उन शहरों को चयनित किया गया जिनकी आबो—हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक थी और उनके सुधार हेतु भारत सरकार ने 10422.73 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। जिसमें उत्तराखंड के 3 शहर देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर को शामिल किया गया और इनके पर्यावरण सुधार हेतु 2021 में लगभग 68 करोड़ रुपए का बजट भी भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को जारी किया और देहरादून और ऋषिकेश दोनो ही पूर्णतः दून घाटी क्षेत्र के अंतर्गत आते है और इसके उलट राज्य सरकार यहां दून घाटी अधिसूचना हटाने का कार्य कर रही है। भारत सरकार के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार “देहरादून का प्रदूषण स्तर देश के 10 सबसे बुरे शहरों” में आता है।उत्तराखंड सरकार ने दून घाटी अधिसूचना 1989 को हटाने का जो प्रावधान किया है उसके विरोध में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को 8 फरवरी 2024 को पत्र प्रेषित किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश दि. 30.08.1988, दून वैली एक्ट दि. 01.02.1989 व एनसीएपी प्रोग्राम भारत सरकार की रिपोर्ट 6 फरवरी 2024 का उल्लेख करते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय को दून घाटी को बचाने के लिए ध्यान आकर्षित किया। इस पत्र के क्रम में प्रधान मंत्री कार्यालय हस्ताक्षेप के बाद एमओईएफ ने वन विभाग उत्तराखंड को इस विषय में रिपोर्ट जारी करने के लिए 13 फरवरी 2024 को पत्र लिखा किंतु अभी तक इस पर कोई कार्यवाही गतिमान होते हुए नजर नहीं आ रही है।उल्लेखनीय है की अस्थाई तौर पर भारत सरकार का आदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्राचार के बाद रुका हुआ है, किंतु इस निर्णय को वापिस लेने का कार्य राज्य सरकार को ही लेना होगा। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि हम देहरादून, मसूरी, सहसपुर, डोईवाला, ऋषिकेश , विकासनगर और आसपास का क्षेत्र जो दून घाटी के अंतर्ग्रत आता है उसको बचाने की लड़ाई हम हर स्तर पर लड़ेंगे। प्रधान मंत्री कार्यालय के हास्ताक्षेप के बाद भी यदि उत्तराखंड सरकार जाग नही रही है तो ये राज्य सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण रवैया है। उन्होने कहा कि हम इसके खिलाफ बड़े जनान्दोलन को मजबूर होगें। पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता अभिनव थापर, महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी, ऋषिकेश के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र रमोला, यमुनोत्री अध्यक्ष दिनेश चौहान, याकूब सिद्दीकी और सुलेमान अली ने भाग लिया।