नई दिल्ली। ताइवान की राजधानी ताइपे में बुधवार (3 अप्रैल) सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई, जो खतरनाक कैटेगरी में आती है। ताइवान के फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, 7 लोगों की मौत हुई है। 730 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़े बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ये 25 सालों में आया ताइवान में सबसे भीषण भूकंप है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के झटके इतने ज्यादा तेज थे कि ताइपे के कई हिस्सों की बिजली गुल हो गई है। इसके झटके जापान और फिलीपींस तक महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के तुरंत बाद पड़ोसी देश जापान अलर्ट हो गया है और उसने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी। ताइवान में 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक आए हैं। वहीं, ताइवानी सेंट्रल वेदर ब्यूरो के मुताबिक, यह ताइवान में 25 साल में आने वाला सबसे तेज तीव्रता वाला भूकंप है। इसके पहले 1999 में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था। तब 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के मुताबिक सुबह 5:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। कई इमारतें जमींदोज हो गईं, लैंड स्लाइड भी हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
भूकंप के बाद ताइवान, जापान और फिलीपींस ने सुनामी का अलर्ट जारी किया था। जापान के मौसम विभाग ने समुद्र में 3 मीटर यानी करीब 10 फीट तक की लहरें उठने का अनुमान जताया था। हालांकि, जापान और फिलीपींस ने अब सुनामी अलर्ट हटा दिया है।
ताइवान प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ के पास स्थित है. इस इलाके में हमेशा ही भूकंप के झटके आते रहते हैं। ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के किनारे से शुरू होता है और ये दक्षिण अमेरिका के देश चिली तक फैला हुआ है। इस वजह से इंडोनेशिया से लेकर चिली तक में हमेशा ही जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे हैं. ताइवान भी भूकंप से अछूता नहीं रहा है।