नई दिल्ली। पाकिस्तान में जो कोई भी सेना और सरकार के जुल्म के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे बर्बाद करने के लिए सेना और सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़तीं. यहां एक वरिष्ठ पत्रकार सईद इमरान शौकत का उनके लाहौर स्थित घर से अपहरण कर लिया गया है. रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, देश की सेना पर बरसने वाले वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के भाई आमिर मीर भी बीते करीब 5 घंटे तक गायब रहे. जिसके बाद से पाकिस्तान में प्रेस की आजादी को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. हामिद मीर ने ट्वीट कर अपने भाई को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने इसमें बताया है, ‘एफआईए की साइबर क्राइम विंग ने लाहौर से सुबह के समय पत्रकार आमिर मीर का अपहरण कर लिया है. उनसे उनका फोन और लैपटॉप छीन लिया गया. हमें पांच घंटे बाद उनकी लोकेशन के बारे में पता चला. एफआईए ने एक अन्य पत्रकार सईद शौकत इमरान को भी लाहौर से सुबह के समय गिरफ्तार कर लिया है.’ अपने इस ट्वीट के साथ मीर ने हैशटैग प्रेस फ्रीडम लिखा है. पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग इन अपहरण के लिए खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसके साथ ही पत्रकारों को पकड़े जाने के तरीके की भी खूब आलोचना हो रही है. पीपीपी पार्टी की नेता शैरी रहमान ने कहा है, ‘पत्रकारों को इस तरह से ‘पकड़ना’ स्वीकार्य नहीं है. उनपर किन अपराधों का आरोप है? कानून की प्रक्रिया क्या है? वीकेंड पर किसी को पकड़ने का सीधा मतलब यही है कि उन्हें सोमवार तक जेल में रखा जाएगा. हम कानून में स्पष्टता की उम्मीद करते हैं कि आमिर मीर और इमरान शौकत को क्यों गिरफ्तार किया गया है.’