आंदोलनकारियों ने किया राजभवन कूच

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देहरादून। प्रदेश बने 21 साल होने जा रहे हैं लेकिन राज्य को अस्तित्व में लाने वाले आंदोलनकारी आज भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। आज राज्य आंंदोलनकारियों ने दून में आरक्षण विधेयक 2015 को मंजूरी प्रदान करने सहित अन्य मांगों को लेकर राजभवन कूच किया। हालांकि आंदोलनकारियों को हाथीबड़कला में ही रोक दिया गया जिस पर उन्होंने वहीं धरना दिया।
आज उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनरतले तमाम आंदोलनकारी राजपुर रोड पर एकत्र हुए जहां उन्होंने राजभवन के लिए कूच किया। आंदोलनकारियों को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगा कर रोक दिया गया जिस पर उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबारी करते हुए धरना दिया।
इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों का कहना था कि वर्ष 2015 में गैरसेंण विधानसभा सत्र में सर्वसम्मति से पारित उत्तराखण्ड राज्य आंदोनलकारियों का 10 प्रतिशत क्ष्ौतिज आरक्षण विधेयक अग्रिम कार्यवाही के लिए राजभवन भेजा गया था। जो अब तक लंबित है। इससे राज्य आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है। कहा कि 2004 में एक शासनादेश के माध्यम से राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्ष्ौतिज आरक्षण से नौकरियां प्रदान की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने इस आधार पर रोक लगा दी कि इसको कानूनी रूप दिया जाए। आंदोलनकारियों के निवेदन पर सरकार द्वारा 2015 को गैरसैंण में हुए सत्र में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर अग्रिम कार्यवाही के लिए राजभवन भेजा गया था जो आज भी लंबित है। छह साल के उपरांत भी राज्य आंदोलनकारियों का दस प्रतिशत क्ष्ौतिज आरक्षण विधेयक राजभवन में लंबित होने के कारण राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है। पूर्व में विभिन्न सरकारी सेवा में आरक्षण के तहत परीक्षा पास करने वाले राज्य आंदोलनकासरी भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं।
उन्होंने मांग की है कि इस आरक्षण विधेयक को जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए। प्रदर्शन के दौरान जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, ओमी उनियाल, रविंद्र जुगरान, रामलाल खण्डूड़ी, विनोद असवाल, सुरेश कुमार, कमल सिंह गुसाईं, सुलोचना भट्ट, जयदीप सकलानी, वीरेंद्र पोखरियाल, जबर सिंह पावेल, आदि थे। वहीं राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक व पूर्व राज्यमंत्री धीरेंद्र प्रताप, राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक मनीष कुमार, प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा आदि भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। अपना समर्थन देते हुए प्रीतम सिंह कहा कि यह भाजपा सरकार राज्य आंदोलनकारी विरोधी है और जब से आए हैं तभी से राज्य आंदोलनकारियों का दमन और उत्पीड़न शुरू हुआ है और उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की सभी मांगों को अपना समर्थन दिया और कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो राज्य आंदोलनकारियों की सभी मांगों को पूर्ण किया जाएगा।

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