अब तक 17 लोगों की मौत, दर्जनों लापता
बचाव राहत कार्य में सेना की मदद
ढह गये मकान, बह गये वाहन, पुल व रेलवे टै्रक
कुंमाऊ के नैनीताल में सर्वाधिक तबाही
सीएम ने किया प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे
देहरादून। उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने भारी तबाही मचाई है। 48 घंटों से हो रही बारिश के कारण नदियों व नालों में उफान आया हुआ है। जल सैलाब के आगे आम आदमी लाचार है। घर मकान दुकान ढह गए हैं, पुल बह गए हैं भूस्खलन के कारण सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है। हजारों चारधाम यात्री और पर्यटक जगह जगह फंस गए हैं इस जल प्रलय से राज्य में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है तथा दर्जनों लोग लापता है। सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे तथा सूबे के अन्य नेताओं से हालात की जानकारी ली है तथा हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है। राज्य में जारी चार धाम यात्रा को फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक रोक दिया गया है। तथा यात्रियों से अपील की गई है कि वह जहां है वहीं रुके रहे। धैर्य संयम बनाए रखें सरकार उनकी मदद में लगी हुई है। आपदा राहत कार्यों के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है।
राज्य में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से नैनीताल जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां नैनी झील का जलस्तर बढ़ने से पानी शहरी क्षेत्रों में घुस गया है तथा पूरा शहर समुंदर बन गया है। मां नैना देवी के मंदिर सहित तमाम बाजारों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। बीती रात रामगढ़ के दोषापानी और तिशापानी में हुई बादल फटने की घटना से 5 लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई है जबकि एक व्यक्ति जिंदा बाहर निकाल लिया गया है। मृतकों में हयात सिंह उनकी मां और तीन बच्चे हैं। इसके अलावा रामनगर जिम कार्बेट पार्क के एक रिजार्ट में 100 से अधिक सैलानियों के फंसे होने की खबर है। रिजार्ट में 4 फीट पानी भर गया है जिसके कारण यहां खड़ी 30—35 कारें भी पानी में डूब गई हैं। उधर हल्द्वानी में गोला नदी पर बना एप्रोच पुल भी पानी के तेज बहाव के कारण टूट गया है जिसके कारण कुमाऊ का मैदान से संपर्क टूट गया है। पुलिस ने इस पुल पर आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। गोला नदी के बीच एक हाथी भी पानी में फंसा हुआ है जिसका रेस्क्यू नहीं किया जा सका। रामगढ़ के सुगना में 9 मजदूरों के मलबे में दबे होने की खबर है। रामनगर में कोसी नदी ने कहर बरपा रखा है तथा गार्जिया मंदिर में भी कई फीट पानी भर गया है। काठगोदाम में नदी के तेज बहाव ने कई किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिसके कारण इस रूट पर ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है।
उधर अल्मोड़ा से प्राप्त समाचारों के अनुसार भिकियासेण क्षेत्र में जल सैलाब के कारण कई घर जमींदोज हो गए हैं जिसमें 5 लोगों के मरने की खबर है जिनमें से दो बच्चों के शव मलबे से निकाले जा चुके हैं तथा अन्य की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वही एनटीडी क्षेत्र में भी एक मकान गिरने से एक मासूम की मौत हो गई है। चमोली में बद्रीनाथ राजमार्ग पर एक पर्यटक कार नाले में फस गई जिसे यात्रियों सहित रेस्क्यू कर लिया गया है। इस मानसूनी आपदा के कारण चमोली मलारी राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है जो भारत—चीन सीमा को जोड़ता है। रूद्रप्रयाग तथा उत्तरकाशी से भी भूस्खलन व तबाही की खबरें मिल रही हैं। चंपावत में लागिया चल्थी भूल भी पानी के तेज बहाव में बह गया है। चार धाम यात्रा मार्गों पर हुए भूस्खलन के कारण धामों में तथा रास्तों में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बचाव राहत कार्य में सेना की मदद ली जा रही है सेना के तीन हेलीकॉप्टर बचाव राहत कार्य के लिए पहुंच चुके हैं उन्होंने आज आपदा मंत्री धन सिंह रावत के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा लोगों से अपील की है कि वह जहां है स्थिति सामान्य होने तक वही बने रहे। सरकार उनकी सहायता में लगी हुई है। उन्होंने पर्यटकों व यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।